माता-पिता और बच्चों के संबंध
माता-पिता और बच्चों के बीच टकराव होना यह आम बात है| इस विडियो में पूज्य नीरूमाँ, बच्चों को कैसे प्यार और स्नेह से सँभाले, उसकी चाबियाँ देते हैं|
अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
माता-पिता और बच्चों का संबंध अनादि काल से है। माता-पिता और बच्चों के संबंध को आदर्श बनाने के प्रयत्न आपको हर कहीं देखने को मिलते हैं।
किशोर बच्चों को सँभालना माता-पिता के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है, यह एक ऐसी कला है जिसमें उन्हें ट्रेनिंग नहीं मिली। आज के युवा वर्ग की मानसिकता की संपूर्ण और गहरी समझ के साथ पूज्य दादाश्री हमें बताते हैं कि इन बच्चों का दिल कैसे जीता जा सकता है।
परम पूज्य दादाश्री ने माता-पिता को समझने में बहुत मदद की है कि बच्चों का पालन-पोषण कैसे करें, उन्हें नैतिक मूल्य, अनुशासन और शिष्टाचार आदि संस्कार कैसे दें।
पूज्य दादाश्री ने बच्चों और युवाओं को भी समझाया है कि माता-पिता के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध कैसे रखें और यह बताया है कि माता-पिता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है।
दादाश्री हमें एक आदर्श माता-पिता बनने की कला सिखाते हैं और यह कि कैसे शुद्ध प्रेम, समभाव और आध्यात्मिक पद्धति द्वारा हम कली को एक खूबसूरत फूल बना सकते हैं। एक आदर्श माता-पिता कैसे बनें यह समझने के लिए पढ़ें...
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