अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
अपने सच्चे स्वरुप को जानने के लिए कि ‘मैं कौन हूँ’, क्या सचमुच हमें ध्यान, कठोर तप या संसार त्याग करने की ज़रूरत है? जिस सुख का खज़ाना हमारे भीतर ही है, उसे जानने के लिए क्यों हम कोई त्याग करें? हमें तो बस अपने आप को पहचानना है। आज तक लाखों लोगों ने इस परम सत्य को जानने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। लेकिन क्या वास्तव में इसकी ज़रूरत है? इतने वर्षों में अनेक बार ज्ञानियों ने, साधुओं ने इस सवाल को...
‘कर्म’ शब्द का उपयोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से किया जाता है। अगर आप यह पेज पढ़ रहे हैं, तो यह संभव है कि आप उन हजारों लोगों में से एक होंगे जो इस शब्द, ‘कर्म’ का मर्म जानने के प्रयत्न में हैं। इसे पढ़कर आप यह जान सकते हैं कि हमारे जीवन में किस तरह से हमारे इरादे, हमारी इच्छाएँ और हमारी भावनाएँ, हमारे आचरण को और हमारी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं और कैसे इन सब का सम्बन्ध “कर्म” से...
क्या आपने कभी यह अनुभव किया है कि किसी भी परिस्थिति को नकारात्मक दृष्टि से देखने से डिप्रेशन शुरू होता है? ऐसी स्थिति में हम समझते हैं कि सबकुछ हमारे ख़िलाफ हो रहा है और यही नकारात्मक दृष्टिकोण की वजह से नकारात्मक विचारों की श्रृखंला शुरू होती है। निम्नलिखित कथनों पर विचारणा करें: “तुम में बिल्कुल अक्कल नहीं है!” “तुम किसी काम के नहीं हो।” “तुम एक असफल इंसान हो।” “वह तुमसे हर तरह से बेहतर...
मनुष्य जीवन चाहे वह सामान्य हो या असामन्य, हमेशा सफलता और असफलता के कई उदाहरणों से भरा होता है| हालांकि, हमारी बुद्धि लगातार हमें बताती है कि सफलता अच्छी है और असफलता बुरी है| इसका कारण यह है कि हम मानते हैं कि सफलता और असफलता हमारी क्षमताओं का एक मूल्यांकन है| जब तक क्षमताएं तेज नहीं हो जातीं तब तक वह उनको सँवारने में मदद करती है| लेकिन वास्तव में क्या होता है, असफलता की स्थिति में, उसे अनुभव...
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