आत्मा क्या है : सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सबसे सुन्दर वस्तु!!!

लोग अपनी भाषा में या जिस धर्म का वह पालन करते हैं उसके आधार पर आत्मा को रूह, पवित्र आत्मा, चेतना या महा-चेतना भी कहते हैं। बहुत से लोग उसे वास्तविक आत्मा, अमर आत्मा, शुद्धात्मा या आत्मा भी कहते हैं। फिर भी, आत्मा क्या है? क्या यह पूर्णतया आध्यात्मिक है? क्या यह धार्मिक नहीं है?

सोल यानि आत्मा, आत्मा यानि “सेल्फ”(खुद का स्वरूप)

जिसने आत्मा का अनुभव किया है, उसने आत्मा की सुंदरता का आनंद लिया है। जबकि मन का स्वभाव शांति है, आत्मा का स्वभाव आनंद है! आनंद यानी शाश्वत सुख की अवस्था।

परम पूज्य दादा भगवान कहते हैं, "आत्मा का वास्तविक अर्थ स्वयं (खुद) है, स्वयं का सच्चा स्वरूप। " शाश्वत सुख, आनंद, हमारे भीतर ही है। आपका सच्चा स्वरूप, यानि आत्मा, अनंत सुख का धाम है और फिर भी आप विनाशी चीज़ों में अपना सुख ढूंढ रहे हो!“

मनुष्य जीवन का अंतिम लक्ष्य आत्मा को जागृत करना है

आत्मा प्रत्येक जीवमात्र में होता है। उसका स्वभाव एक समान है, यानि प्रत्येक आत्मा के गुण समान होते हैं। अनंत ज्ञान, अनंत दर्शन, अनंत शक्ति और अनंत सुख आत्मा के मुख्य गुण हैं।

जबकि भौतिक सुख जैसे कि प्रसिद्धि, पैसा और संपत्ति का स्वभाव विनाशी हैं और वे असंतोष करवाता है; आत्मा शाश्वत है और ठीक वैसे ही उसके गुण भी। उदाहरण के लिए, पैसा जीवन में सुख और आराम लाता है, लेकिन वह कभी भी आत्मा की तरह अनंत सुख और आनंद नहीं दे सकता। इसी कारण सभी शास्त्रों, आध्यात्मिक विषयों और आध्यात्मिक साधना का सार एक ही है: अपने आत्मा को जागृत करो!

जो दिखाई नहीं देता, उसे जागृत कैसे करें?

आत्मा को देह के चक्षुओं (नेत्रों) से नहीं देखा जा सकता और ना ही उसका सम्पूर्ण वर्णन शब्दों में किया जा सकता है। यह इतना सूक्ष्म है। इसके साक्षात्कार के लिए, हमें प्रत्यक्ष ज्ञानी की आवश्यकता हैं, जिसे आत्मसाक्षात्कार हो चुका हो। ऐसे गुरु को ज्ञानी कहते हैं, जिनकी कृपा से, आत्मा क्या है यह जानने की हमारी दृष्टि खुलती है।

वह प्रगट ज्ञानी हैं जिनके पास दूसरों की आत्मा जागृत करवाने की सिद्धि होती है। केवल वह ही हमें आत्मसाक्षात्कार (हमारे आत्मा का अनुभव) का अनुभव करवा सकते हैं!!! तो, "शाश्वत सुख का मार्ग आपको शीघ्र ही मिले" की शुभकामनाओं के साथ, प्रस्तुत है वह सब जो आप अपनी आत्मा के बारे में जानना चाहेंगे...

About the Soul

Before attaining Self- Realization, there is ignorance and you are observing everything through intellect. After Self- Realization, wrong belief changes into right belief and you get awareness that you are really a Soul - knower, seer of everything. Soul is totally invisible, having its own properties called – Knowledge and Vision ( Gyan and Darshan ), with these one visualizes and experiences everything.

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Top Questions & Answers

  1. Q. आत्मा का अर्थ क्या है?

    A. ब्रह्मांड के सबसे सूक्ष्म और गहन तत्त्व आत्मा, जो कि स्वयं का वास्तविक स्वरूप है, उसको समझने में... Read More

  2. Q. क्या आत्मा का अस्तित्व है ?

    A. क्या सच में आत्मा नाम की कोई चीज़ है? क्या वास्तव में आत्मा का अस्तित्व है? उत्तर है , हाँ ! यदि आप... Read More

  3. Q. मृत्यु के बाद तुरंत आत्मा कहाँ जाता है?

    A. जैसे ही आत्मा देह को छोड़कर जाता है, देह को तुरंत मृत घोषित कर दिया जाता है। तो मृत्यु के बाद तुरंत... Read More

  4. Q. देह में आत्मा की मेरी खोज निष्फल रही है। वास्तव में मैं इसे कहां प्राप्त कर सकता हूं?

    A. लोग आत्मा को खोज कर रहे है परन्तु उन्हें अभी तक प्राप्ति नहीं हुई। क्योंकि वे खुद से ही ढूंढने का... Read More

  5. Q. आत्मा किससे बना हुआ है? आत्मा के गुणधर्म क्या हैं?

    A. एक बार जब व्यक्ति, आत्मा को जान लेता है, तो उसे और कुछ जानने कि ज़रूरत नहीं पढ़ती। आत्मा को जानने के... Read More

  6. Q. आत्मा का स्वरूप क्या है ?

    A. आत्मा को पहचानने के लिए उसके स्वरूप को जानना आवश्यक है | आत्मा कैसा दिखता है? इसका कोई आकार या रंग... Read More

  7. Q. मैं अपने आत्मा को कैसे जागृत कर सकता हूँ ?

    A. बहुत से लोगों का लक्ष्य आध्यात्मिक जागृति का होता है, इसलिए आत्मा को कैसे जागृत किया जाये वे इसकी... Read More

  8. Q. आध्यात्म में जागृत होना, क्यों आवयशक है?

    A. आध्यात्मिक रूप से जागृत होने का अर्थ है कि अपने खुद के सच्चे स्वरूप, आत्मा को पहचानना। आत्मा कि... Read More

  9. Q. क्या मेरा आत्मा, परमात्मा का अंश है ?

    A. "मेरा आत्मा परमात्मा का एक अंश है" - यहाँ स्व का अर्थ है आत्मा, वह एक अविनाशी तत्व है। एक अविनाशी... Read More

  10. Q. आत्मा की यात्रा क्या है?

    A. जीवन का उद्देश्य कुछ और नहीं बल्कि आत्मा की यात्रा के माध्यम से विकसित होना है! आत्मा पर कर्मों के... Read More

Spiritual Quotes

  1. आत्मा और मोक्ष में कितनी दूरी है? मात्र अंतराय जितनी ही।
  2. पूरी दुनिया का सब से बड़ा आश्चर्य ‘आत्मा’ है! उसे प्राप्त कर लिया यानी सभी कुछ प्राप्त कर लिया!
  3. जो कर्मसहित होता है वह जीव है। जो कर्मरहित होता है वह आत्मा।
  4. आत्मा जैन भी नहीं है और वैष्णव भी नहीं है। आत्मा वीतराग है। यह वीतराग धर्म है।

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