Auspicious Trimantra
This video features the auspicious Trimantra being sung at a satsang program in Germany.
अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
अनादि काल से हरेक धर्म के मुख्य पुरुष जब हाज़िर होते हैं, जैसे कि महावीर भगवान, कृष्ण भगवान, राम भगवान, तब लोगों को सभी धर्म के मत मतांतरों में से बाहर निकालकर आत्म धर्म में स्थिर करते हैं। और कालकर्म से मुख्य पुरुष की गेरहाज़िरी होने की वजह से दुनिया में धीरे धीरे मतभेद हो जाते हैं। धर्म में वाडा-सम्प्रदाय बन जाते हैं। उसके फलस्वरूप सुख-शांति खत्म होती जाती है।
धर्म में मेरे-तेरे के झगड़े होते हैं। उन्हें दूर करने के लिए आत्मज्ञानी परम पूज्य दादा भगवान ने निष्पक्षपाती त्रिमंत्र दिया है। यदि इस त्रिमंत्र का मूल अर्थ समझें तो यह किसी व्यक्ति को या सम्प्रदाय को या पंथ को लागू नहीं पड़ता। आत्मज्ञानी से लेकर ठेठ केवलज्ञानी और निर्वाण प्राप्त करके मोक्ष गति को प्राप्त हुए ऐसे उच्च जागृत आत्माओं को ही नमस्कार लिखा है और जिन्हें नमस्कार करने से संसार के विघ्न दूर होते हैं। तकलीफ़ों में शांति रहती है और मोक्ष के ध्येय के प्रति लक्ष्य बँधता है।
परम पूज्य दादा भगवान समझाते हैं कि यह त्रिमंत्र सच्ची समझ के साथ बोलने वाले को ऊपर चढ़ाता है। रोज़ सुबह-शाम पाँच-पाँच बार उपयोग पूर्वक बोलना। सांसारिक कार्य शांतिपूर्वक होंगे। और जब बहुत तकलीफ़ हो तब घंटे तक बोलना।
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