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ज्ञान प्रागट्य

शाश्वत सत्य को जाननेके अलावा उनकी और कोई इच्छा नहीं थी, और उनकी अनंत जन्मों की खोज का अंत आया। जब जून-१९५८ में उनके भीतर कुदरती रूप से यह ज्ञान प्रकट हुआ। उस शाम को हुई इस अदभूत घटना के फल स्वरूप अध्यात्म की खोज कर रहे एक व्यक्ति में से वे आत्मज्ञानीपुरुष बन गए। उनका आत्मा पूर्ण रूप से अनावृत हो गया। और भीतर चौदह-लोक के नाथ प्रकट हुए।

Dada Bhagwan

एक ही घंटे में ब्रह्मांड के सभी रहस्य उनके सामने खुल गए। सभी प्रश्न जैसे कि मैं कौन हूँ, भगवान कौन हैं, यह दुनिया कौन चलाता है, कर्म क्या है, मोक्ष क्या है वगैरह के उत्तर उन्हें मिल गए।

वे इस भगवान को, ‘दादा भगवान’ कहते थे| वे कहते थे, “ये भगवान, दादा भगवान मुझमें पूर्ण रूप से प्रकट हो चुके हैं| वे सभी जीवों में विराजमान हैं| फर्क सिर्फ इतना हे कि मुझमें वे पूर्ण रूप से प्रकट हो चुके हैं और आप में अभी प्रकट होने बाकी है|”

" जगत् की किसी भी चीज़ की इच्छा नहीं होने के कारण, मुझ में यह अपूर्व सिद्धि प्रगट हुई। "

- परम पूज्य दादाश्री

ज्ञानीपुरुष

A Gnani Purush is the personification of knowledge. He knows everything. One such Gnani is Param Purush Gnani Purush Dada Bhagwan. Watch this video to know about how within A.M Patel manifested this Gnan, and how he became the Gnani Purush known as Dada Bhagwan.With True Knowledge, He got answers to all questions like how the world functions? What is karma? What is liberation? And the solution to many more puzzles. After He got Gnan, He had a strong wish that others should also get this Gnan. And then, He pioneered the path of Spiritual Science, to share His Gnan with others.

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