સીમંધર સીટીનો પરિચય
પરમ પૂજ્ય દાદાશ્રીની ભાવના હતી કે એવું કોઈ નગર હોય કે જ્યાં આત્મજ્ઞાન પામેલા આત્માર્થીઓ સાથે રહીને આધ્યાત્મિક પ્રગતિ કરી શકે. આ ભાવના સાકાર થઇ પૂજ્ય નીરુમાની પ્રેરણા તથા આશીર્વાદથી, સીમંધર સીટી દ્વારા.
३५ एकड़ में फैला हुआ सीमंधर सिटी एक स्वप्न स्वरुप टाउनशीप है, जहाँ करीब ६०० महात्माओं के परिवार के रहने के लिए स्टूडियो एपार्टमेन्ट, फ्लेट, बंगले, बगैरह के साथ अन्य सुविधाएँ भी है। यह एक आध्यात्मिक शहर है जो दुनिया में शाश्वत सुख-शांति और आत्मज्ञान फैलाने का कार्य कर रहा है।
परम पूज्य दादाश्री की एक भावना थी कि-
"महात्माओं का एक शहर हो, तो सबके साथ रहने से पूर्णत्व की और प्रगति करने में सहायता, सहूलियत रहेगी। ऐसे आध्यात्मिक माहौल से सीमंधर स्वामी के प्रति भक्ति बढ़ेगी और पाँच आज्ञाओं का पालन करना आसान होगा और आत्यंतिक मोक्ष की प्राप्ति होगी।"
पूज्य नीरू माँ ने दादाश्री की ये भावना पूरी करके सीमंधर सिटी का प्रारंभ २९ दिसंबर २००२ में किया।
सीमंधर सिटी में वात्सल्य है जो पूज्य नीरू माँ का निवास स्थान है और अब पूज्य दीपकभाई का निवास स्थान है। वहाँ अक्रम ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने में पहुँचाने के लिए समर्पित ब्रह्मचारी भाईओं और बहनों का रहने का स्थान आप्त-संकुल है।
पूरे शहर का आयोजन बढ़िया किया गया है, जहाँ पक्के रास्ते, बाग-बगीचे, पेड़-पौधे, छोटा-सा तालाब, बगैरह है।
यहाँ हॉस्पिटल, ऐ.टी.एम., बैंक, क्लब हॉउस, हाई स्पीड इंटरनेट, इन्टरकोम जैसी सुविधाएँ उपलब्ध है।
सबसे बड़ी बात ये है कि दुनिया के कोने-कोने से आकर अपनी आध्यात्मिक प्रगति के लिए सीमंधर सिटी में रहकर महात्मा को ये अहसास होता है की सीमंधर सिटी एक बड़ा आध्यात्मिक कुटुंब है।
संक्षिप्त में, "साफ सिटी, हरी सिटी, शुद्ध (पवित्र) सिटी"।
महात्माओं के लिए सीमंधर सिटी का दूसरा भाग (सब डिविज़न -II ) और बड़ा टाउनशीप बन रहा है।
सीमंधर सिटी अहमदाबाद से २५ की.मी. की दूरी पर अडालज गाँव के पास गांधीनगर - कलोल हाईवे पर है। ये अहमदाबाद एरपोर्ट से करीब १८ की.मी. दूर है।
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