Science of Speech
Pujya Niruma describes the qualities required for powerful and persuasive speech, explaining that the quality of ego behind one's speech is of utmost importance.
अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
क्या आपने कभी सोचा है, वाणी कैसे बोली जाती है? जब आप सितार का एक तार छेड़ते हैं, तो वह कितने प्रकार की आवाज पैदा करता है? कईं। इसी प्रकार से जब आपको कोई शब्द बोलने की इच्छा होती है, वह शब्द बन जाता है और अपने आप मुँह से निकल जाता है। वह क्या है जिस ने आपकी इच्छा न होने के बावजूद आपसे ऐसा बुलवाया?
दादाश्री ने वाणी के सच्चे स्वरूप के बारे में बताया है। वाणी जड़ है, यह टेपरेकॉर्ड है। जब आप टेप चलाते हैं तो क्या उसे पहले से रेकॉर्ड नहीं करना पड़ता? उसी प्रकार से आपके पूरे जीवन में बोले जानेवाली वाणी टेप हो चुकी है और इस जन्म में बोली जा रही है। जिस तरह बटन दबाने से टेपरिकॉर्ड बोलता है, उसी प्रकार संयोगानुसार अपने आप वाणी बोली जाती है।
दादाश्री ने यह रहस्य भी बताया है कि पिछले जन्म के कर्मों को कैसे निकाल किया जाए और आंतरिक भावों एवं वाणी का क्या संबंध है। और यह भी जानिए कि झूठ बोलना रोकने का वैज्ञानिक तरीका क्या है और वाणी को प्रभावशाली कैसे बनाएँ।
वाणी के पीछे के मूलभूत सूक्ष्म सिद्धांतों को समझने के लिए पढ़ें.....
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