Celibacy with Right Understanding
Sexual attraction other than your spouse is against the law. You should not have attraction to anyone else in your mind also.
अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें23 फरवरी |
22 फरवरी | to | 24 फरवरी |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
अधिक पढ़ेंक्या आपको चोरी करना पसंद है? क्या आपको झूठ बोलना अच्छा लगता है? क्या आपको हत्या करना अच्छा लगता है? नहीं? तो फिर इस विषय में ऐसा क्या है कि आप इसें पसंद करते हैं। ये मात्र गलत मान्यता के कारण है। लोगों ने कहा इसलिए आपने विश्वास किया कि विषय में सुख है, लेकिन यह सच नहीं है।
निष्पक्षपाती रूप से सोचें कि क्या आपकी किसी भी इन्द्रिय को विषय पसंद है ? क्या आँखों को पसंद है? क्या कान इसे सुनना पसंद करते हैं? क्या जीभ को यह मीठा लगता है? नाक को तो पसंद होगा, नहीं ? किसी भी इन्द्रिय को यह पसंद नहीं है।
मनुष्यों को विषय के परिणाम और ब्रह्मचर्य से होनेवाले फायदों को समझना चाहिए। मात्र एक बार के ही विषय में, भले ही वह अपनी पत्नी के साथ हो, करोड़ों जीव मर जाते हैं। और अपने जीवन साथी कि जिन के साथ आपने शादी की है उनके अलावा किसी अन्य के साथ विषय संबंध रखने का परिणाम तो नर्क है,
जब कि ब्रह्मचर्य स्वास्थ्य और आध्यात्मिक प्रगति के लिए अत्यंत सहायक है। ब्रह्मचर्य की सही और संपूर्ण समझ अंत में मोक्ष तक ले जाती है। ब्रह्मचर्य को सही तरह से समझने के बाद ही किसी व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी और वह हर प्रकार से विषय का विरोध करेगा।
हर कोई इस बात से सहमत है कि ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, लेकिन यह करने के लिए क्या करना चाहिए?आज तक किसीने यह रास्ता नहीं दिखाया है।
इस पेज पर आपको मिलेगा ब्रह्मचर्य पालन करने का सीधा, स्पष्ट और सटीक रास्ता। अब्रह्मचर्य से होनेवाले नुक़सान और उसकी भयानकता को समझकर किसी को भी लगेगा, 'ओह, ऐसा तो मैं जानता ही नहीं था !'
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