अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
त्रिमंदिर एक दो मंज़िला इमारत है। मंदिर का मुख्य हॉल १०,००० स्क्वायर फीट है। मंदिर का आँगन २०,००० स्क्वायर फीट है। श्री सीमंधर स्वामी के ऊपर मुख्य शिखर १०८ फीट ऊँचा है। और ७० छोटे शिखर है। मंदिर में गुलाबी पत्थर पर की गई कारीगरी मंदिर की शोभा में अभिवृद्धि कर रही है।
मूर्तियों के कुल वज़न को देखते हुए और यह मंदिर सदियों तक कायम रहे, इस हेतु से मंदिर की नींव की दीवारें ९ फुट मोटी बनाई गई हैं।
श्री सीमंधर स्वामी का सोने की पॉलिशवाला मुकुट जिसका वज़न ६५ किलो ग्राम है और भगवान का छत्र ६ फुट ऊँचा और १५० किलोग्राम वज़न का है। शिवजी और कृष्ण भगवान के गर्भगृह भी भव्य हैं। रात को मंदिर में लगे़ फानूस की रौशनी भव्य मंदिर को प्रकाशित करती हैं।
मंदिर के नीचे संगमर-मर के फर्शवाला जायजेन्टिक हॉल है, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। हॉल में लगभग ६००० लोग बैठ सकते हैं। यह हॉल आधुनिक टेकनोलोजी और परंपरागत भारतीय संस्कृति का समन्वय है। गुजरात में यह सब से बड़ा हॉल है। हॉल में ५ जम्बो प्रोजेक्टर स्क्रीन्स है, ताकि हॉल के हर कोने से दर्शक स्टेज पर होनेवाले हर कार्यक्रम को पूरी तरह से देख पाएँ।
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