Related Questions

बच्चों को विरासत में क्या देना चाहिए?

इसलिए बेटे को तो सिर्फ क्या देना चाहिए, एक ‘फ्लैट’ (मकान) देना, हम रहते हैं वह। वह भी हो तो देना। उसे कह देना कि, ‘बेटे, हम नहीं रहे उस दिन यह सब तेरा, तब तक मालिकी हमारी! पागलपन करेगा तो तुझे तेरी पत्नी के साथ निकाल बाहर करूँगा। हम हैं तब तक तेरा कुछ भी नहीं। हमारे जाने के बाद सबकुछ तेरा।’ विल बना देना। आपके बाप ने दिया हो उतना आपको उसे देना है। वह उतना हकदार है। आखिर तक लड़के के मन में ऐसा रहे कि ‘अभी पिताजी के पास पचास हज़ार और हैं।’ आपके पास तो लाख होंगे। वह मन में समझे कि ४०-५० हज़ार देंगे। उसे आखिर तक इस लालच में रखना। वह अपनी पत्नी से कहे कि, ‘जा, पिताजी को फर्स्ट क्लास भोजन करा, चाय-नाश्ता ला।’ आप रोब से रहना है। अर्थात् आपके पिताजी ने जो कुछ कोठरी (मकान) दी हो वह उन्हें दे दो।

कोई कुछ साथ में नहीं ले जाने देता। अपने जाने के बाद अपने शरीर को जला देते हैं। तब फिर बच्चों के लिए अधिक छोड़कर क्या करें? बच्चों के लिए ज़्यादा छोड़ जाएँ तो बच्चे क्या करेंगे? वे सोचेंगे कि ‘अब नौकरी-धंधा करने की ज़रूरत नहीं।’ बच्चे शराबी बन जाएँगे। क्योंकि फिर उन्हें संगत ऐसी मिल जाती है। ये शराबी ही हुए हैं न सब! अतः बेटे को तो हमें सोच-समझकर मर्यादा में देना चाहिए। अगर ज़्यादा दें तो दुरुपयोग होगा। हमेशा जॉब (काम) ही करता रहे ऐसा कर देना चाहिए। बेकार बैठे तो शराब पिए न?

कोई बिज़नेस (धंधा) उसे पसंद हो तो करवा देना। कौन सा व्यवसाय पसंद है वह पूछकर, उसे जो व्यवसाय ठीक लगे वह करवा देना। पच्चीस-तीस हज़ार बैंक से लोन पर दिलवाना, ताकि अपनेआप भरता रहे और थोड़े बहुत अपने पास से दे देना। उसे ज़रूरत हो उसमें से आधी रकम हमें देनी है और आधी रकम बैंक में से लोन दिलवा देना। इस लोन की किश्तें तू भरना, ऐसा कह देना। किश्तें भरता रहे और वह बेटा समझदार होता है फिर।

अतः बेटे को नियम से, नियम से जितना देना चाहिए उतना देकर, बाकी सारा लोगों के सुख के लिए अच्छे रास्ते खर्च कर देना। लोगों को सुख कैसे मिले? उनके हृदय को ठंडक पहुँचे तब! तो वह संपत्ति आपके साथ आएगी। ऐसे नकदी नहीं आती लेकिन ओवरड्राफट (जमाराशि) के रूप में आती है। नकदी तो ले जाने ही नहीं देते न! यहाँ पर इस तरह ओवरड्राफट करो, लोगों को खिला दो, सबके दिलों को ठंडक पहुँचाओ। किसी की मुश्किल दूर करो। यह रास्ता है आगे ड्राफट भेजने का। पैसों का सदुपयोग करो। चिंता मत करो। खाओ-पीओ, खाने-पीने में कंजूसी मत करो। इसलिए कहता हूँ कि ‘खर्च डालो और ओवरड्राफट लो।’

Related Questions
  1. बच्चों के विकास में माता-पिता की भूमिका क्या है?
  2. कैसे बात करें कि बच्चे आपकी बात सुने?
  3. बच्चों को जितना हो सके जंक फूड कम खाने के लिए कैसे मार्गदर्शन करें?
  4. जब आपके बच्चे गलतियाँ करें तो क्या करें?
  5. बिना कटु वचन कहे बच्चों को किस प्रकार शिष्ट करें? शिष्टाचार और अनुशासन के सहित बच्चों की परवरीश कैसे करें?
  6. जिद्दी एवं गुस्सैल बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करें?
  7. ज़िद्दी या अवज्ञाकारी बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करें?
  8. बच्चों की बुरी आदतें कैसे छुड़ाएँ ?
  9. बच्चों के ऊपर चिल्लाना किस तरह बंद करें? किच-किच कैसे बंद करें?
  10. टीनएजर्स के साथ माता-पिता को कैसा व्यवहार करना चाहिए?
  11. बच्चों को विरासत में क्या देना चाहिए?
  12. माता-पिता और बच्चों के बीच का संबंध कैसे मज़बूत करें?
  13. बच्चों के सामने माता-पिता का व्यवहार कैसा होना चाहिए?
  14. बच्चों को नैतिक मूल्य कैसे सिखाएँ?
  15. बच्चों के शिक्षण में माता-पिता की क्या भूमिका है?
×
Share on
Copy