अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता: यहाँ अमरीका में पैसा है, लेकिन संस्कार नहीं हैं और यहाँ आसपास का वातावरण ही ऐसा है, तो इसके लिए क्या करें?
दादाश्री: पहले तो माता-पिता को संस्कारी बनना चाहिए। फिर बच्चे बाहर जाएँगे ही नहीं। माता-पिता ऐसे हों कि उनका प्रेम देखकर बच्चे वहाँ से दूर जाएँ ही नहीं। माता-पिता को ऐसा प्रेममय बनना चाहिए। बच्चों को अगर सुधारना हो तो आप ज़िम्मेदार हो। बच्चों के साथ आप फज़र् से बँधे हुए हो। आपको समझ में नहीं आया?
अपने लोगों के बच्चों को बहुत उच्च स्तर के संस्कार देने चाहिए। अमरीका में कईं लोग कहते हैं कि ‘हमारे बच्चे मांसाहार करते हैं और ऐसा बहुत कुछ करते हैं।’ तब मैंने उनसे पूछा, ‘आप मांसाहार करते हो?’ तो बोले, ‘हाँ, हम करते हैं।’ तब मैंने कहा, ‘फिर तो बच्चे भी करेंगे ही।’ आपके ही संस्कार! और अगर आप नहीं करते तो भी वे कर सकते हैं, लेकिन दूसरी जगह। लेकिन आपका फज़र् इतना है कि अगर आपको उन्हें संस्कारी बनाना हो तो आपको अपना फज़र् नहीं चूकना चाहिए।
अब बच्चों का आपको ध्यान रखना चाहिए कि ऐसा-वैसा, यहाँ का खाना न खाएँ। और यदि आप खाते हों तो अब यह ज्ञान प्राप्त होने के बाद आपको सब बंद कर देना चाहिए। अत: जैसे वे आपके संस्कार देखेंगे वैसा ही करेंगे। पहले हमारे माता-पिता संस्कारी क्यों कहलाते थे? वे बहुत नियमवाले थे और तब उनमें संयम था। और ये तो संयमरहित हैं।
प्रश्नकर्ता: जब बच्चे बड़े हो जाएँ, तब हमें उन्हें धर्म का ज्ञान किस तरह देना चाहिए?
दादाश्री: आप धर्म स्वरूप हो जाओ, तो वे भी हो जाएँगे। जैसे आपके गुण होंगे, बच्चे वैसा ही सीखेंगे। इसलिए आप ही धर्मिष्ठ हो जाना। आपको देख-देखकर सीखेंगे। यदि आप सिगारेट पीते होंगे, तो वे भी सिगारेट पीना सीखेंगे। आप शराब पीते होंगे तो वे भी शराब पीना सीखेंगे। माँस खाते होंगे तो माँस खाना सीखेंगे। जो आप करते होंगे वैसा ही वे सीखेंगे। वे सोचेंगे कि हम इनसे भी बढ़कर करें।
प्रश्नकर्ता: अच्छे स्कूल में पढ़ाने से अच्छे संस्कार नहीं आते?
दादाश्री: लेकिन, वे सब संस्कार नहीं हैं। माता-पिता के सिवा बच्चे अन्य किसी से संस्कार प्राप्त नहीं करते। संस्कार माता-पिता और गुरु के, और थोड़ा-बहुत उसका जो सर्कल होता है, फ्रेन्ड सर्कल उसके, उसके संयोग। संस्कार मित्रों तथा आसपास के लोगों से मिलते हैं। सबसे अधिक संस्कार माता-पिता से मिलते हैं। माता-पिता संस्कारी हों, तो बच्चे भी संस्कारी बनते हैं वर्ना संस्कारी होंगे ही नहीं।
Book Name: माता-पिता और बच्चों का व्यवहार (Page # 1 Paragraph #1 to #4 & Page 2 Paragraph #1 to #5)
Q. बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के संबंधित मार्गदर्शन कैसे दें?
A. एक भाई मुझसे कहता है, मेरा भतीजा हर रोज़ नौ बजे उठता है। घर में कोई काम नहीं करता। फिर घर के सभी सदस्यों से पूछा कि यह जल्दी नहीं उठता यह बात आप सबको पसंद...Read More
Q. जब बच्चे गलतियाँ करें, तब उन्हें कैसे समझाएँ?
A. प्रश्नकर्ता: उनकी भूल होती हो तो टोकना तो पड़ेगा न? दादाश्री: तब आपको उनसे ऐसा पूछना चाहिए कि यह सब आप जो करते हो, वह आपको ठीक लगता है? आपने यह सब...Read More
Q. अवज्ञाकारी बच्चों के साथ कैसा व्यव्हार करें?
A. एक बाप कहता है, ‘ये सारे बच्चे मेरे विरोधी हो गए हैं।’ मैंने कहा, ‘आपमें योग्यता नहीं यह स्पष्ट हो जाता है।’ आपमें योग्यता हो तो लड़के क्यों विरोध करें?...Read More
Q. अनुशासन और शिष्टाचार के सहित बच्चों का लालन-पालन कैसे करें?
A. अगर हम मांसाहार न करें, शराब न पीएँ और घर में पत्नी के साथ झगड़ा न करें तो बच्चे देखते हैं कि पापाजी बहुत अच्छे हैं। दूसरों के पापा-मम्मी झगड़ते हैं, मेरे...Read More
Q. बच्चों को चोरी करने से कैसे रोकें?
A. प्रश्नकर्ता: हमें कुछ कहना न हो, लेकिन मान लीजिए कि हमारा बेटा चोरी करता हो तो क्या चोरी करने दें? दादाश्री: दिखावे के लिए विरोध करो, लेकिन अंदर समभाव...Read More
Q. बच्चों को सुधारने के लिए क्या करना चाहिए?
A. यह किट-किट करने के बजाय मौन रहना अच्छा, नहीं बोलना अच्छा। बच्चे सुधरने के बजाय बिगड़ते हैं, इसलिए एक अक्षर भी मत कहना। बिगड़े उसकी ज़िम्मेदारी अपनी है। यह...Read More
Q. अपनी युवा बेटी के साथ कैसा व्यवहार करें?
A. एक आदमी मेरे पास आता था। उसकी एक बेटी थी। उसे मैंने पहले से समझाया था कि ‘यह तो कलियुग है, इस कलियुग का असर बेटी पर भी होता है। इसलिए सावधान रहना।’ वह आदमी...Read More
Q. बच्चों को विरासत में क्या देना चाहिए?
A. इसलिए बेटे को तो सिर्फ क्या देना चाहिए, एक ‘फ्लैट’ (मकान) देना, हम रहते हैं वह। वह भी हो तो देना। उसे कह देना कि, ‘बेटे, हम नहीं रहे उस दिन यह सब तेरा, तब...Read More
Q. माता–पिता और बच्चों के बीच का संबंध कैसे मज़बूत करें?
A. जो व्यक्ति माता-पिता के दोष देखता है, उसमें कभी भी बऱकत नहीं हो सकती। संभव है पैसेवाला हो, लेकिन उसकी आध्यात्मिक उन्नति कभी भी नहीं होती। माता-पिता के दोष...Read More
subscribe your email for our latest news and events