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आत्महत्या को रोकने की वैज्ञानिक समझ

यदि कोई आपकी नाक बंद कर दे, तो आप क्या करेंगे? आप सांस लेने की कोशिश करना नहीं छोड़ेंगे, आप उपाय खोजेंगे, चाहे इसके लिए संघर्ष ही क्यों न करना पड़े। इसी प्रकार, जब आप कुछ दुःख का अनुभव करते है तब आपको चुप नहीं रहना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए, वर्तमान परिस्थितियों से बाहर कैसे निकलें इसके लिए आपको प्रयत्न करने चाहिए और सुख की राह प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।

जीवन में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। सुख के बाद दुःख, दुःख के बाद सुख, ये आते ही रहते हैं। जब आप किसी एक चीज़ को अत्यधिक महत्व देने लगते हैं, तब आपका जीवन सिर्फ़ उसे प्राप्त करने में ही बीत जाता है और, यदि आप उसे प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, तब आप अपने अमूल्य जीवन का मूल्य भूलकर अपनी अंदरूनी अशांति में जलने लगते हैं। वास्तव में, जीवन में जो भी मुश्किलें आती हैं वे हमें और भी अधिक मज़बूत बनाने के लिए आती हैं।

परम पूज्य दादाश्री सभी को कहा करते थे, “जब भी आत्महत्या के विचार आपके मन में आएँ, तो मुझे याद करें और मेरे पास आएँ। अपना जीवन समाप्त करने का प्रयास न करें। यह माने नही रखता कि आप कितना भुगत रहे हैं। उसे धैर्य पूर्वक बर्दाश्त कर लें, क्योंकि आत्महत्या करने के परिणाम गंभीर होते हैं।”

यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करना चाहता है और वह पूज्य दीपकभाई के पास आए, तो वे उसे समझाएँगे कि आत्महत्या करने से किस प्रकार के कर्म बँधते हैं और आत्महत्या के कितने गंभीर परिणाम होते हैं। यह समझ उनके मन को परिवर्तित कर देगी और आत्महत्या की तरफ़ की उनकी आंतरिक प्रवृत्तियाँ रुक जाएँगी।

तो इंतज़ार मत कीजिए! आईए और पूज्य दीपकभाई से मिलिए और इस आत्महत्या निवारण हेल्पलाइन के माध्यम से अपना या किसी और का जीवन बचाइए।

आत्महत्या

किसी व्यक्ति को आत्महत्या कभी नहीं करनी चाहिए| बल्कि, उस व्यक्ति को ज्ञानी पुरुष से आशीर्वाद लेकर एक नए और सही मार्ग पर जीवन जीना चाहिए|

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Top Questions & Answers

  1. Q. क्या उद्वेग या भावनात्मक तनाव व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए ज़्यादा प्रेरित करता है? इसके उपाय क्या हैं?

    A. हम जिन भावनाओं को महसूस करते हैं, वे हमारे संजोग, हमारे चारित्र और दूसरों के साथ हमारे संबंधों से... Read More

  2. Q. लोग आत्महत्या क्यों करते हैं? आत्महत्या के विचारों का कारण क्या है?

    A. अफसोस की बात है कि आत्महत्या के विचार बहुत सामान्य हो गए हैं। आधुनिक जीवन के अथक दबावों के कारण कुछ... Read More

  3. Q. प्रेमी के साथ आत्महत्या के लिए किए गए प्रॉमिस के क्या परिणाम आते हैं? क्या प्रेम के लिए आत्महत्या करनी चाहिए?

    A. दुर्भाग्यवश, प्रेमी सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक भिन्नताएँ, जो उन्हें एक होने से रोकती हैं, उनसे... Read More

  4. Q. किशोरावस्था में आत्महत्या के कारण क्या है? युवानो में आत्महत्या का प्रमाण क्यों बढ़ रहा है?

    A. किशोरावस्था में लड़कों और लड़कियों के लिए किशोरावस्था के वर्षो एक चिंताजनक और बैचेनी भरे समय के... Read More

  5. Q. आत्महत्या के बाद क्या होता है? आत्महत्या क्यों नहीं करनी चाहिए?

    A. जीवन में हर एक चीज का कारण और उसका परिणाम होता है। इसलिए जिस किसी को भी लगातार आत्महत्या के विचार आ... Read More

  6. Q. जब आप आत्महत्या करने का महसूस करें तो क्या करें?

    A. वर्तमान समय में आप जहाँ देखो वहाँ दुःख और भोगवटा है। सभी सांसारिक सुख – सुविधाए होने के बावजूद भी,... Read More

  7. Q. जब आप किसी व्यक्ति को इस हद तक दुःख पंहुचा देते है कि उसे आत्महत्या करने का मन हो तब क्या करना चाहिए

    A. अगर आपको ऐसा लगे कि किसी को आत्महत्या के भाव उत्पन्न होने का कारण आप हो, आपको पहेले यह समझना होगा... Read More

  8. Q. आत्महत्या के विचारों से कैसे निपटें?

    A. किसी समय, हम सभी ने आत्महत्या के नेगेटिव विचारों का अनुभव किया होगा, जो हमें यह विचारने के लिए... Read More

  9. Q. टूटे हुए दिल के घाव को कैसे भरें और ब्रेकअप के बाद आत्महत्या को कैसे रोका जाए उसके बारे में सीखें

    A. दिल टूट जाना बहुत दुखदायी होता है। ऐसा लगता है कि आपकी दुनिया पलट (उलटी हो) गई है और आप खुद सदमे से... Read More

  10. Q. असफलता से सफलता तक - जानें कि असफलता पर कैसे काबू पाया जाए और आत्महत्या को कैसे रोका जाए

    A. निस्संदेह, जीवन में हर कोई सफलता-असफलता के दौर से गुजरता है। कोई भी व्यक्ति हमेशा सफल नहीं रह सकता।... Read More

  11. Q. जब कोई बुरी घटना घटित होती है क्या तब आपने कभी विचार किया है, 'मैं अपने दुःखों से मुक्त होना चाहता हूँ, मुझे मेरे जीवन का अंत लाना है?'

    A. हम अपने पुरे जीवन में अच्छे और ख़राब समय के कालचक्र से गुज़रते हैं। और अंत में कुछ लोग इस निर्णय पर... Read More

  12. Q. 'मैंने अपनी नौकरी खो दी है। मैं कर्ज में डूबा हूँ। मैं मरना चाहता हूँ।' कर्ज़ के बारे में सलाह लें और कर्ज़ की वजह से होनेवाली आत्महत्या से बचें।

    A. जब अपने आपको बिना नौकरी के कर्ज़ चुकाना हो और आप की वर्तमान परिस्थिति का समाधान लाने का कोई अंत... Read More

  13. Q. मेरे प्रियजन की मृत्यु हो गई है। मैं अकेला हूँ और मैं अब और जीना नहीं चाहता हूँ। क्या अकेलेपन में आत्महत्या करना ही एक उपाय है?

    A. किसी प्रियजन को खोना यह आपके लिए सबसे कठिन चुनौतियों में से एक साबित हो सकता है। जब आप एक जीवनसाथी... Read More

  14. Q. कोई मुझे नहीं समझता। कोई भी मेरी परवाह नहीं करता। मैं अपना जीवन समाप्त करना चाहता हूँ। मुझे क्या करना चाहिए?

    A. हमारी प्रशंसा नहीं होने से संबंधित भावनाएँ जैसे कि ‘कोई मेरी प्रशंसा नहीं करता’, हमें गलत समझा जाना... Read More

  15. Q. मुझसे गलती हो गई। मैं अब और नहीं जीना चाहता। मैं खुद को मार डालना चाहता हूँ।

    A. हम सभी गलतियाँ करने से नफरत करते हैं, लेकिन फिर भी कभी-कभी हमसे गलतियाँ हो जाती हैं। इनमें से कुछ... Read More

  16. Q. आत्महत्या करने जैसे विचार यदि आपको परेशान कर रहे हैं, तो उससे बचने के लिए यहाँ से सहायता प्राप्त कीजीए।

    A. आपकी ज़िंदगी के कोई करीबी निराशा का अनुभव कर रहे हों तब आप सोचते रह जाते हैं कि उनसे क्या कहा जाए।... Read More

  17. Q. आध्यात्म विज्ञान के माध्यम से आत्महत्या के विचारों को कैसे रोकें।

    A. आध्यात्मिक विज्ञान, अक्रम विज्ञान के माध्यम से, आप गंभीर डिप्रेशन के लक्षणों, आत्महत्या के विचारों... Read More

Spiritual Quotes

  1. सहज विचार बंद हो जाएँ, तब ये सब उलटे विचार आते हैं। विकल्प बंद हों इसलिए जो सहज विचार आते हों, वे भी बंद हो जाते हैं। अँधेरा घोर हो जाता है। फिर कुछ दिखता नहीं है |
  2. हाँ, यहाँ चाहे जैसा दु:ख हो तो वह सहन करना, पर गोली मत मारना, आत्महत्या मत करना।
  3. आत्महत्या का रूट तो ऐसा होता है कि उसने किसी जन्म में आत्महत्या की हो तो उसके प्रतिघोष सात जन्मों तक रहा करते हैं।
  4. उद्वेग अर्थात् वेग ऊपर चढता है़, यहाँ दिमाग पर चढ़ जाता है और फिर वह आत्महत्या करने का प्रयास करता है।
  5. इस काल के संजोगों की वजह से विचार बहुत बढ़ गए हैं। पसंदीदा विचारों में तन्मयाकार रहने से ‘एलिवेशन’ आता है। जो अत्यंत नुकसानदायक है। नापसंद विचारों में ‘डिप्रेशन’ आता है।
  6. ‘डिप्रेशन’ आए ही नहीं, वही है ज्ञान की पूर्णाहुति।

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