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आत्महत्या करने जैसे विचार यदि आपको परेशान कर रहे हैं, तो उससे बचने के लिए यहाँ से सहायता प्राप्त कीजीए।

आपकी ज़िंदगी के कोई करीबी निराशा का अनुभव कर रहे हों तब आप सोचते रह जाते हैं कि उनसे क्या कहा जाए। तब आप एक साथ अलग-अलग मात्रा में निःसहाय, निराश, क्रोधित, भयभीत, पश्चाताप, दुःखी और चिंतित एवं तनाव जैसे अनेक भावों का अनुभव करोगें। परिस्थिति और भी बिगड़ने से आप यह भी महसूस करोगें कि जैसे उनकी इस वर्तमान असन्तुलन्ता के लिए आप ही ज़िम्मेदार हो। तब चिंतित होकर आप यही ढूँढेगे कि, जब कोई आत्महत्या के भावनाओं से गुज़र रहा है, तब उन्हें कैसे सहायता करे।

आपके लिए आपके प्रियजनों को सच्चे अर्थ में मदद करना मतलब आपको आपके विचारों में स्पष्टता होने की जरूरत है, साथ ही भावनात्मक चिंता या डर मुक्त हो कर व्यवहार करें। यहाँ कुछ तर्कसंगत और बड़े महत्वपूर्ण कदम बताए गये हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • निराशा और आत्महत्या के लक्षणों की प्रकृति को सटीक तरह से समझने का प्रयास करें, जिससे आपको समस्या की गंभीरता का अंदाज़ा लग जाए।
  • उनके लिए कोई अभिप्राय न रखें, लेकिन करुणाभाव रखें क्योंकि उनकी भावनाएँ उनके नियंत्रण में नहीं है।
  • समझें कि वे जो महसूस कर रहे हैं और जिस परिस्थिती में से गुजर रहे है उन सभी में से बाहर निकलने में ख़ुद सक्षम नहीं है, और यह व्यक्तिगत नहीं है।
  • उन्हें मनोचिकित्सक सहायता लेने हेतु प्रोत्साहित कीजिए।
  • उन्हें खुलकर बात करने के लिए उत्साहित करें।
  • उन्हें अपनी चिंता या लगाव न दिखाएँ, क्योंकि इससे उनकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
  • अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें; ज़्यादातर को प्रतिक्रियाएँ न दे।
  • उन्हें प्रेम, दया एवं समझदारी से जीतें।
  • उनके विश्वास का दुरुपयोग न करें।
  • वातावरण में परिवर्तन मदद कर सकता है। उन्हें नई नई जगहों पर ले जाएँ। उन्हें पार्क में ले जाएँ, बाहर समय बिताएँ, शॉपिंग पर जाएँ, पिकनिक पर जाएँ आदि…
  • परिवार के साथ मिलना जुलना जरूरी है जहाँ हर कोई एक साथ समय बिताएँ ताकि उन्हें याद रहे कि उनके पास ऐसे लोग हैं जो उनसे प्यार करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।
  • कसरत, योगा और प्राणायाम कीजिए या फिर उनके साथ बहार चलने जाएँ।
  • साथ मिलकर नई चीजें सीखने की कोशिश करें या एक क्लब में शामिल हों जहाँ आप साथ मिलकर नई प्रवृतियों में शामिल हो सके।

और भी बेहतर परिणाम के लिए यह टिप्स आज़माएँ:

  • उनकी वर्तमान परेशानियों से वे छुटकारा पाएँ ऐसी शक्ति उन्हें प्राप्त हो इसलिए उनके लिए प्रार्थना कीजिए।
  • अपनी चिंताओं, अपराध, भय और किसी भी अन्य भावनाओं को प्रार्थना से बदलें।
  • उन्हें भी प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
  • दस मिनट तक उन्हें यह वाक्य पढ़कर बोलने को कहिए: मैं.-अ-नं-त-सु-ख-का-धा-म-हूँ। या फिर मैं-अ-नं-त-श-क्ति-वा-ला-हूँ। यदि हो सके तो यह वाक्य बोलते समय उनसे एक-एक शब्द को चित्त में मौजूद रखकर पढ़ने को कहिए। उन्हें बहुत शांति की अनुभूति होगी।
  • यदि हो सके तो, तो वे जो भगवान को मानते है उनका निदिध्यासन करने को कहे इससे उनके मान को शांति प्राप्त होगी।
  • यदि आप उनकी इस हालत का ज़िम्मेदार खुद को समज रहे हैं, तो उनसे माफी माँगे। यह आप आंतरिक तौर पर भी कर सकते है। यह करने से आप अपने भीतर के अपराधभाव से छुटकारा पा सकते हैं और सामनेवाले को भी इसका परिणाम महसूस होगा।

इस बुरे समय में यह ध्यान रहें कि, यह प्रक्रिया में समय लगेगा और आपको धीरज रखनी होगी। प्रगति धीरे-धीरे होगी, लेकिन अंत में आप इन विचारों से छुटकारा प्राप्त कर लोगे! यदि आपका सब्र टूट रहा है, तो तुरंत आत्महत्या निवारण के लिए मनोचिकित्सक सहायता लेने में ज़रा भी विलंब न करें। संक्षिप्त में, मनोचिकित्सक या किसी भी और तरीके से उनके लिए जो भी कुछ कर सकते हैं वह कीजिए। पोज़िटिव रहें और खुद के और उनके लिए हिम्मत बनाए रखें।

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