हुआ सो न्याय
हम जो यह भुगत रहे हैं वह हमारे पूर्व जन्म की गलतियों की सजा हमें मिल रही है| देखिये यह विडियो और अधिक जाने की कैसे हमारी समस्यायों को हम वैज्ञानिक तरीके से हल कर सकते है|
ऐसा क्यों होता है कि कभी निर्दोष व्यक्ति को जेल की सजा होती है और दोषित व्यक्ति मुक्त घूमता है, इसमें न्याय कहाँ है? सिद्धांतों पर चलनेवाला व्यक्ति दुःख उठाता है और सिद्धांतों को तोड़नेवाले जीवन का मज़ा लूटते हैं। भगवान किसी को दुःखी क्यों होने देते हैं? दुनिया में चोर और जेब-कतरे क्यों हैं?
दुनिया में इतनी प्राकृतिक विपत्तियाँ क्यों आती हैं? भूकंप, तूफान और बाढ़ क्यों आते हैं? क्या यह भगवान की इच्छा है?
भगवान न्यायी है या अन्यायी? मेरे जीवन में हुए अन्याय के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
इन सब बातों को हम कैसे समझें?
पूज्य दादाश्री ने अपने अदभुत ज्ञान से हमें यह बताया है कि वास्तव में दुनिया में अन्याय है ही नहीं।'जो हुआ वहीं न्याय'अपने जीवन में इस एक वाक्य को उतारेंगे तो मुश्किल समय में यह आपको शांति देगा और इससे आंतरिक समता रहेगी।
हमारे जीवन में होनेवाले न्याय और अन्याय के पीछे रहे रहस्यों को जानने के लिए पढ़ें....
A. बस में चढ़ने के लिए राइट साइड में एक व्यक्ति खड़ा है, वह रोड के साइड में खड़ा है। रोंग साइड से एक... Read More
Q. किसी के मेहनत से कमाए हुए पैसे क्यों चोरी हो जाते हैं?
A. तब लोग मुझे पूछते हैं कि ये चोर और जेबकतरे क्या करने आए होंगे? भगवान ने क्यों इन्हें जन्म दिया... Read More
Q. लोग हमें दुःख क्यों देते हैं?
A. न्याय ढूँढते-ढूँढते तो दम निकल गया है। इन्सान के मन में ऐसा होता है कि मैंने इसका क्या बिगाड़ा है,... Read More
A. भगवान न्याय स्वरूप नहीं है और भगवान अन्याय स्वरूप भी नहीं है। किसी को दुःख नहीं हो, वही भगवान की... Read More
Q. किसीको दिया हुआ उधार कैसे वसूल करूँ?
A. बुद्धि तो तूफान खड़ा कर देती है। बुद्धि ही सब बिगाड़ती है न! बुद्धि यानी क्या? जो न्याय ढूँढे, उसका... Read More
Q. क्या मुझे न्याय खोजना चाहिए?
A. इस जगत् में तू न्याय देखने जाता है? हुआ सो न्याय। 'इसने चाँटा मारा तो मुझ पर अन्याय किया', ऐसा नहीं... Read More
Q. विरासत और वसीयत को लेकर होनेवाले झगड़ों को कैसे निपटाएँ?
A. एक भाई हो, उसका बाप मर जाए तो जो सभी भाईर्यों की जमीन है, वह बड़े भाईर् के कब्ज़े में आ जाती है। अब... Read More
Q. बुद्धि से कैसे छुटकारा पाएँ?
A. प्रश्नकर्ता : बुद्धि को निकालना ही है, क्योंकि वह बहुत मार खिलाती॒है। दादाश्री : इस बुद्धि को... Read More
Q. मेरे जीवन के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
A. यह सारा प्रोजेक्शन आपका ही है। लोगों को क्यों दोष दें? प्रश्नकर्ता : क्रिया की प्रतिक्रिया है... Read More
Q. कुदरत के न्याय का स्वरूप क्या है?
A. जो कुदरत का न्याय है, उसमें एक क्षण के लिए भी अन्याय नहीं हुआ। यह कुदरत जो है, वह एक क्षण के लिए भी... Read More
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