जब भी हम खतरे की बात सुनते है, हम सभी स्वयं सतर्क हो जाते है और हम खुद अपने आप को और अपने परिवार जनको सुरक्षित करने के लिए उसी समय सावधान हो जाते है | लेकिन जब विषय विकार की बात आती है तब ? क्या हम सावधान है ? क्या हम सतर्क हैं? नहीं, क्यों ? क्योंकी हमने विषय विकार से होने वाले जोखिम और नुकशान के बारे में कभी भी नहीं सुना है |
परम पूज्य दादा भगवान, ज्ञानी पुरुष ने विषय के जोखिम और विषय विकार के नुकशान के बारे में विस्तार से बताया है | जो यहाँ है:
यह सब तो हक्क के विषय के जोखिम है। लेकिन अणहक्क (बिना हक्क का, अवैध) के जोखिम और भी गंभीर है |
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Q. ब्रह्मचर्य का क्या महत्व है?
A. आध्यात्मिक पथ पर ब्रह्मचर्य प्रगति के लिए एक महान और सबसे शुद्ध साधन है । अब्रह्मचर्य की स्थिति... Read More
Q. स्वप्नदोष क्या है? स्वप्नदोष किस कारण से होता है ? स्वप्नदोष को कैसे रोक सकते है ?
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Q. स्त्री और पुरुष के बीच के आकर्षण का क्या विज्ञान है?
A. स्त्री और परुष के बीच का आकर्षण परमाणुओं के हिसाब के कारण होता है । निदर्शन : स्त्री और पुरुष के... Read More
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Q. ब्रह्मचर्य का पालन करने में मन की क्या भूमिका है?
A. मन विरोधाभासी है । यह आपको दोनों तरह के विचार दिखायेगा ब्रह्मचर्य का पालन करना और आपको विवाह करने... Read More
Q. सती किसे कहते हैं? सती की सही परिभाषा क्या है?
A. सती एक ऐसी स्त्री है जो इतनी पवित्र है कि उसे कभी भी अपने पति के अलावा अन्य पुरुषों के बारे में कोई... Read More
Q. ब्रह्मचर्य व्रत के बारे में क्या तथ्य है?
A. विषय ऐसी वस्तु है न कि अकेले ज्ञानी पुरुष की आज्ञा से ही परिवर्तन होता है। फिर भी यह व्रत सभी को... Read More
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