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शांतिपूर्ण जीवन कैसे जिए?

शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए एडजस्ट केसे हो सके, यह सीखना जरुरी है। परम पूज्य दादा भगवान के अनुसार,जो व्यक्ति दूसरों के साथ एडजस्टमेंट लेना जानता है, वह दुखी नहीं होगा। परम पूज्य दादाश्रीके मार्गदर्शन अनुसार,”एडजस्ट एवरीव्हेर’ इतना ही शब्द यदि आप जीवन में उतार लोगे तो बहुत हो गया। आपको अपने आप शांति प्राप्त होगी। शुरुआत में छ: महीनों तक अड़चनें आएँगी, बाद में अपने आप ही शांति हो जाएगी।“ भले ही पहली बार पिछले रिएक्शन के कारण कठिनाइयां आए लेकिन दूर की सोचे तो एडजस्टमेंट लेने की क्षमता हमें शांति प्रदान करेगी

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परम पूज्य दादाश्री कहते है,प्रत्येक के साथ एडजस्टमेन्ट हो जाए, यही सब से बड़ा धर्म है। इस काल में तो लोगों की भिन्न-भिन्न प्रकृतियाँ, विभिन्न विशेषताए और उनकी वृत्तियाँ यह सभी की विशाल संख्या को देखते हुए, अगर हम सभी को अपनी इच्छानुसार मोड़ने की अपेक्षा करते हैं, तो हम शांति से जीवन कैसे गुज़ार सकते हैं? तब वास्तव में एडजस्टमेंट लेने में ही समझदारी है और ऐसा करने से ही हम, हमारे मन की शांति बनाए रख सकेंगे। 

स्वयं को इन परिस्थितियों में रख कर देखे कि, आप क्या करते हैं और क्यों करते हैं?

  • जब आपका बॉस चिल्लाता है और आपका अपमान करता है तो आप अपनी नौकरी क्यों नहीं छोड़ते?

                क्योंकि आपको वेतन मिलता है,जो आपको अपना घर चलाने में मददरूप है।

  • रोड पर बम्प आने पर आप गाड़ी की रफ़्तार क्यों धीमी कर देते है?

                ताकि गाड़ी को नुकसान न हो और आपको चोंट भी न पहुँचे।

  • जब आप घर से बहार जाते हो तो क्यों अलग अलग शावर, बिस्तर, तकिए, दरवाजे के हैंडल, नल और स्विच के साथ एडजस्ट क्यों हो जाते हो?

                क्योंकि आपके पास और कोई विकल्प नहीं है और आप उस जगह पर कुछ ही समय के लिए हो।

  • ठंडी के मौसम में आप जैकेट क्यों पहनते हो?

                क्योकि आप बाहर गर्मी बढ़ा नहीं सकते, आपके पास और कोई विकल्प नहीं है।

  • दुर्गन्धवाली जगह से जाते वक्त आप क्यों अपना नाक ढंक देते हो ?

                ताकि आपको खराब हवा की गंध न आए।

  • आप मौसम के अनुसार अपनी अलमारी क्यों बदलते हैं?

                क्योंकि आप जानते हैं कि आप मौसम को बदल नहीं सकते हैं, आपका उस पर कोई नियंत्रण नहीं है।

  • आप सड़क पर आनेवाले गड्ढों पर चलने से क्यों बचते हैं?

                क्योंकि गिरने और चोट लगने की संभावना होती है।

ऊपर दर्शाए गए सभी उदाहरणोंमें से हम सब कुछ जानते हुए भी एडजस्टमेंट ले लेते है क्योकि हम अच्छी तरह से वाकिफ है कि अगर हमने एडजस्टमेंट नहीं लिए तो उसका परिणाम क्या आ सकता है उसी तरह हम भी जीवन में भिन्न-भिन्न व्यक्तियो और संजोगो के साथ एडजस्टमेंट लेना सीखे तो बहुत सारी अनावश्यक परेशानियों को टाल सकते है। यह हमें शांतिपूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाता है।

परम पूज्य दादा भगवान के शब्दों में,“सामने वाला ‘डिसएडजस्ट’ होता रहे, पर आप एडजस्ट होते रहोगे तो संसार-सागर तैरकर पार उतर जाओगे। जिसे दूसरों के साथ अनुकूल होना आ जाता है, उसे कोई दु:ख ही नहीं रहता।“

जब आप एडजस्टमेंट नहीं ले पाते तो दो तरफा नुकसान होता हैं। आप और सामनेवाली व्यक्ति दोनों ही दुखी होते है। तो किसी भी नुकसान से बचने के लिए, जीवन में एडजस्ट करना सीखें

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