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असफलता से सफलता तक - जानें कि असफलता पर कैसे काबू पाया जाए और आत्महत्या को कैसे रोका जाए

निस्संदेह, जीवन में हर कोई सफलता-असफलता के दौर से गुजरता है। कोई भी व्यक्ति हमेशा सफल नहीं रह सकता। असफलता भी हमेशा के लिए नहीं रहती। बुरे समय में, हम जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं और अनचाही भावनाओं का अनुभव करते हैं, जैसे कि हम किसीको पसंद नहीं है ऐसा महसूस करना, बेकार महसूस करना और दूसरों को नीचा गिनना। अगर स्थिति बिगड़ती है, तो व्यक्ति जीवन के उद्देश्य पर सवाल उठाता है और विषम परिस्थितियों में आत्महत्या के बारे में सोचने लगता है।

ख़ुशी की बात यह है कि निराशा और विषम परिस्थितियों में से बहार निकलने के उपाय और असरकारक दृष्टिकोण मौजूद हैं:

असफलता को किस तरह दूर करें:

  • एक तरह से पहचानो कि, नाकामयाबी अथवा असफलता अच्छे के लिए है - बिना प्रयत्न के आप कभी भी सफल नहीं होंगे। यदि आपके जीवन में असफलता नहीं आई है, तो आप सफल होने की कीमत नहीं समझ पाएंगे। एक ही चीज़ (सकारात्मक या नकारात्मक) का बहुत अधिक होना अनिवार्य रूप से संतुष्टि(अपने आप में ही प्रसन्नता) या उदासीनता की ओर ले जाता है और एक व्यक्ति के रूप में विकास नहीं हो पाता।
  • अत्यंत कठिन समय में भी सकारात्मक मानसिकता बनाए रखें।
  • अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ें।
  • जो गलत हुआ उस पर ध्यान न दें और खुद के लिए बुरा महसूस न करें। इसके बजाय, एक सकारात्मक कदम उठाएं और समाधान खोजें।
  • याद रखें कि कोई भी परिस्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है, रात (कठिन समय) के बाद, दिन (अच्छा समय) हमेशा आता है।
  • बीते हुए समय को याद करो। आपने पहले भी ऐसी या इससे भी बुरी परिस्थिति का सामना किया है और आप उसमें सफल हुए हैं।
  • आप जो बीज बोते हैं वहीं आप बनते हैं - अगर आप सोचते रहोगे कि 'मैं कर सकता हूँ और मैं करुँगा' तो धीरे-धीरे चीजें बदलेंगी और आपका विकास होगा। इसी तरह अगर आप बोलते रहोगे कि 'मैं असफल हूँ और समय का व्यर्थ करता हूँ' तो वह आपके विचार और आचरण पर असर डालेंगे और आपके आस पास के लोगो पर भी असर डालेंगे। यह ऐसा है कि जब आप कुएं में बोलते हो कि 'मैं निष्फल हूँ' तो कुआं बोलेगा कि 'मैं निष्फल हूँ', 'मैं निष्फल हूँ'.... "इसी तरह आप कह सकते हो कि 'मैं यह कर सकता हूँ, मेरी पास क्षमता/कुशलता है'। नेगेटिव विचारों के विरोध में बस इसे कई बार दोहराएं।
  • अपने ध्येय के प्रति ईमानदार रहें और उसके प्रति पूरे दिल से काम करें।

सफलता - असफलता की समझ:

सफलता - असफलता को जीवन के पॉजिटिव(सकारात्मक) रूप से देखें। क्योंकि वे विकास और प्रगति में समान रूप से योगदान करते हैं।

याद रखें, दोनों ही प्रकार की परिस्थितियाँ जीवन में आएंगी और जाएंगी।

  • सफलता हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत और आशावादी दृष्टिकोण सकारात्मक परिणाम लाते हैं।
  • असफलता हमें सिखाती है कि प्रतिकूल परिस्थितियाँ, हमारी कमज़ोरियों और नकारात्मकता को ताकत और सकारात्मकता में बदलने की शक्ति रखती हैं।

इसलिए, दोनों हमारे जीवन में प्रगति के रूप से काम करते हैं।

किसी भी परिस्थिति में आपको आत्महत्या करने का विचार नहीं करना चाहिए। इसके बदले, परिस्थिति को बदल दें और आत्महत्या से जुड़े किसी भी विचारों का विरोध करें। अपने जीवन के चुनौतीपूर्ण समय पर जीत हासिल करें और असफलता से सफलता की ओर आशा और उत्साह के साथ आगे बढ़ें।

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