यदि किसी ने आपके बारे में एक बार भी अपशब्द बोला हो तो आप अपने आप से यह पूछ सकते हो कि वह ऐसा क्यों कर रहा है और हो सकता है कि आप उसे इस बात के लिए मन ही मन कोसें भी। ऐसा करके, आप उसके साथ पुराना हिसाब चुकता करते समय नया खाता खोल रहे हैं। जब वह पूर्व में दिए गए हिसाब को लौटाने आया तो आपने उस हिसाब को स्वीकार करने और जमा करने की बजाए उस व्यक्ति को कई बार कोस दिया। आप उसका बार बार अपमान कर रहे हैं लेकिन खुद उसका एक भी अपमान सहन करने में असक्षम हैं। अब मानव बुद्धि इस गहराई तक कैसे पहुँच सकती है ? यह समझने की बजाए लोग और कर्म बाँध लेते हैं और भ्रमित हो जाते हैं।
अपमान के समय हमें किस प्रकार का वर्तन करना चाहिए, इसके लिए परम पूज्य दादाश्री ने कई प्रकार की चाबियाँ दी है, चलिए उन्हे देखते हैं
जब कोई आपका अपमान करे और आपका मन सामने वाले व्यक्ति के लिए नही बिगडे तब आपने तप किया है , ऐसा माना जाएगा। जब इस तरह का तप होता है तब हमारे अंदर अनंत शक्तियां उत्पन्न होती हैं।
निमंत्रण धौल को, मुआवज़े के साथ
कोई हमें गालियाँ दे, हमें बुरा सुनने को मिला, वह तो बहुत पुण्यवान कहलाता है, नहीं तो वह मिलता ही नहीं न! मैं पहले ऐसा कहता था, आज से दस-पंद्रह साल पहले, कि भाई, कोई भी मनुष्य पैसों की अड़चनवाला हो, तो मैं कहता हूँ कि मुझे एक धौल मारना, मैं पाँच सौ रुपये दूँगा। एक आदमी मिला था, मैंने उससे कहा कि ‘तुझे पैसों की कमी है न? सौ-दो सौ की? तो तेरी कमी तो आज से ही पूरी हो जाएगी। मैं तुझे पाँच सौ रुपये दूँगा, तू मुझे एक धौल मार।’ तब बोला, ‘नहीं दादा, ऐसा नहीं हो सकता।’ मतलब धौल मारनेवाले भी कहाँ से लाएँ? मोल लाएँ तो भी ठिकाना पड़े, ऐसा नहीं है और गालियाँ देनेवाले का भी ठिकाना पड़े ऐसा नहीं है। तब जिसे घर बैठे ऐसा फ्री ऑफ कॉस्ट (मुफ्त में) मिलता हो तो वह भाग्यशाली ही कहलाएगा न! क्योंकि मुझे तो पाँच सौ रुपये देकर भी कोई मिलता नहीं था।
यह ज्ञान होने से पहले तो मैं खुद अपने को गालियाँ देता था, क्योंकि मुझे कोई गालियाँ देता नहीं था न! तब मोल कहाँ से लाएँ हम? और मोल कौन दे? हम कहें कि तू मुझे गाली दे, तो भी कहेगा कि नहीं आपको गाली नहीं दे सकता। यानी पैसे दें फिर भी कोई गाली नहीं देता है। इसलिए फिर मुझे खुद गालियाँ देनी पड़ती थीं, ‘आपमें अक़्ल नहीं है, मूरख हो आप, गधे हो, ऐसे हो, किस तरह के मनुष्य हो? मोक्ष धर्म कोई कठिन है कि अपने इतना सब ऊधम मचाया है?’ ऐसी गालियाँ खुद देता था। कोई गालियाँ देनेवाला नहीं हो तब फिर क्या करें? आपको तो घर बैठे कोई गालियाँ देनेवाला मिलता है, फ्री ऑफ कॉस्ट मिलता है, तब क्या उसका लाभ नहीं उठाना चाहिए?!
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