आपको अपने परिवार वालों के साथ कभी भी झगड़ा नही करना चाहिए। जो लोग आपसे बहुत प्रेम करते हैं या जिनसे आप बहुत प्रेम करते हैं उनके साथ आप टकराव कैसे कर सकते हैं? इन सभी टकरावों को खत्म करने की आवश्यकता है। हम पारिवारिक झगड़ो से अपना सबकुछ क्यों नष्ट करना चाहते हैं? यह हमें शोभा नहीं देता।
प्रत्येक सुबह आप यह प्रतिज्ञा करें कि मुझे दूसरों के दोष नही देखने हैं और न ही पूरे दिन किसी के साथ टकराव में आना है। हम दूसरों को दुःख देकर कभी खुश नही रह सकते । हम दूसरों को खुश करके ही खुशियां पा सकते हैं। यदि आप अपने परिवार वालों को खुश रखते हैं तो बदले में आपको भी अवश्य ही खुशी प्राप्त होगी। यह संसार दु:खी होने के लिए नही है बल्कि आनंद लेने के लिए है।
आपको जिनकी देखभाल करनी है उनकी रक्षा करना आपका उच्चतम लक्ष्य होना चाहिए। यदि वे गलती करें तब भी आप उनकी रक्षा करें। आप कभी भी अपने परिवार वालों को धमकी मत दो। माता-पिता, दादा-दादी, बच्चे , पति, पत्नी - आपके ही परिवार के सदस्य हैं ना ! उनके दोष मत देखो।
टकराव रोज़ नहीं होते। वे तभी होते हैं जब आपके पूर्व कर्म अपना फल देने के लिए तैयार होते हैं। जब ऐसा हो , तब आप एडजस्ट करें। और सुनिश्चित कर लें कि कहीं यह घर्षण आपको आपके प्रियजनों से ही दूर ना कर दे। यदि दूसरा व्यक्ति आपके साथ भेद रखने लगे तब भी आपको उसके साथ भेद नहीं रखना है। इन झगड़ो के कारण कभी भी रिश्तों में दूरियां न आने दें। अगर ऐसा हो जाता है तो इन दूरियों को जल्दी से जल्दी मिटाने का प्रयत्न करें।
घर में प्रत्येक के व्यक्तित्व को पहचाने। हो सकता है घर में ५० लोग हो लेकिन आप उनकी प्रकृति को नहीं पहचान पाए जिसके कारण यह विवाद उत्पन्न होते हैं। आपको उनकी प्रकृति की भिन्नताओं को पहचानना है। यदि घर में एक व्यक्ति हर समय शिकायत करता रहता है , तो वह उसकी प्रकृति है। और तब यह समझ लेना कि यह सामने वाले व्यक्ति की आदत है, इससे आप पर उसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारी वास्तविक प्रकृति सभी आदतों से परे है। इस ज्ञान से सभी परिस्थितियों का समाधान हो जाएगा। यदि आप इन परिस्थितियों में ही उलझे रहोगे तो टकराव जारी रहेगा। सज्जन और कृतज्ञ बनो, एक सागर और समुद्र की तरह जो कुछ भी तुम्हारे पास आए उन सभी को खुशी से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते जाओ। सभी आपके प्रेम का अनुभव लेंगे। आपके निर्मलता को पहचानेंगे और उसकी सराहना भी करेंगे।
घर में आपको कोई कह सकता है "आप मूर्ख हो"। उस समय आपको यह सच स्वीकार करना चाहिए कि यह व्यक्ति इसी तरह से बोलता है। आपको इस तरह एडजस्ट होना है। अगर आप उसका दिया हुआ अपमान उसे वापस करते हो, तब आप थक जाओगे और टकराव जारी रहेगा। वह व्यक्ति आप से टकराया है लेकिन यदि आप भी उससे टकराएंगे , तो उससे यह साबित हो जाएगा कि आप भी अंधे हैं। आपको प्रत्येक व्यक्ति के अलग-अलग प्रकार के स्वभाव को पहचानना चाहिए जिससे आपको उनके साथ एडजस्ट करने में आसानी हो जाएगी।
जब आप अपने घर में व्यक्तियों से ज्यादा वस्तुओं को महत्वता देते हैं, तब आप अनजाने में अपना बहुत बड़ा नुक्सान कर रहे है। हो सकता है कि आपके घर की वस्तुएं हजारों की हो परंतु जब आप किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाते हो तो तब आप अपना करोड़ो का नुक्सान करते हो। क्या वास्तव में ऐसा करना हितकारी है ?
यदि आप दोनों का सोफे जैसी वस्तु के लिए झगड़ा होता है तो उस सोफे को फ़ेंक दो। उस सोफे का मूल्य तो कुछ हजार रुपये का ही होगा। क्या उसके लिए झगड़ा करना हितकारी है ? यह केवल द्वेष के बीज ही बोएगा। बस इससे छुटकारा पाओ। जिस भी वस्तु के कारण घर में टकराव हो, उस वस्तु को फ़ेंक देना चाहिए। इसके पीछे यह कारण है कि परिवार के लोग ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, जबकि घर की चीज़ों को बदला जा सकता है। आप नयी चीज़ों को खरीद सकते हैं, लेकिन जिनसे आप प्यार करते हैं उन्हें हमारे द्वारा जो दुख हुआ है उसके घाव को आप कैसे भरेंगे।
आपको घर में सबको कहना चाहिए, “ हम एक दूसरे के शत्रु नहीं है , किसी का भी किसी के साथ झगड़ा नहीं है। मतभेद रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपस में परस्पर बातचीत करते रहें और सुखी रहें। इस तरह से आपको सब कुछ सोचना और करना है। आपको कभी भी परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए। जिनके साथ आप घर में रहते हैं उनके साथ आप झगड़ा कैसे कर सकते हैं? कोई भी दूसरों को दुःख देकर कभी भी सुखी नहीं रहा है और हमें दूसरों को सुख देकर सुखी रहना है। हम तभी खुश रह सकते हैं जब हम घर में दूसरों को खुश रखें।
जब कोई आप पर बिना कारण के चिल्लाए तो उसे आप प्रेशर कुकर की तरह समझें, वह गर्म तो नीचे तले से हो रहा है लेकिन उसकी सारी गर्मी उसकी सीटी से बाहर निकलती है। आप उनकी निराशा के पीछे का कारण नहीं जानते, इसलिए यदि वे पहले से ही परेशान हैं तो आपके परेशान होने का कोई अर्थ ही नहीं है। इससे परिस्थिति और खराब होगी । इसलिए उचित यही होगा कि आप उस व्यक्ति की स्थिति को समझें और टकराव को टालें।
प्रश्नकर्ता : बहुत बार बड़ा लड़ाई-झगड़ा घर में हो जाता है। तब क्या करें?
दादाश्री : समझदार मनुष्य हो न तो लाख रुपये दें तब भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करे और यह तो बिना पैसे लड़ाई-झगड़ा करता है, तो वह अनाड़ी नहीं तो क्या है? भगवान महावीर को कर्म खपाने के लिए साठ मील चलकर अनार्य क्षेत्र में जाना पड़ा था, और आज के लोग पुण्यवान इसलिए घर बैठे अनार्य क्षेत्र है! कैसे धन्य भाग्य! यह तो अत्यंत लाभदायक है कर्म खपाने के लिए, यदि सीधा रहे तो।
Q. टकराव क्या है? टकराव किस किस प्रकार से होते है ?
A. टकराव क्या है यह समझने से पहले, हमको नीचे दी गई की परिस्थितियों के बारे में विचार करना है: “मान... Read More
Q. टकराव होने के क्या कारण है?
A. टकराव होना हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है , परंतु उससे छुटकारा कैसे मिलेगा ? यदि हमें पता चले टकराव... Read More
Q. टकराव होने के परिणाम क्या है?
A. यदि हमें टकराव से होने वाले परिणामों की जानकारी है तो हम उससे होने वाले नुकसान को समझ जाएंगे और... Read More
Q. टकराव टालो – क्या इसका अर्थ सहन करना है?
A. टकराव टालने के प्रयत्न में, बहुत से लोग भूल करते हैं और टालने के सही अर्थ को सहन करना समझ लेते हैं।... Read More
Q. क्या मौन रहना, टकराव टालने के लिए अच्छा है ?
A. जीवन में कई बार ऐसा समय आता है , जब टकराव खड़े होते हैं और हमें यह मालूम नहीं होता है कि उनसे कैसे... Read More
Q. यदि कोई हमसे झगड़ा करने आये तो ऐसी परिस्थिति में हम टकराव से कैसे बचें
A. अगर कोई हमारे साथ टकराव करने आये तब ऐसी परिस्थिति में हम टकराव से कैसे बच सकते हैं? मान लो एक... Read More
Q. जब कोई आपका अपमान करे तब टकराव को कैसे टालें?
A. यदि किसी ने आपके बारे में एक बार भी अपशब्द बोला हो तो आप अपने आप से यह पूछ सकते हो कि वह ऐसा क्यों... Read More
Q. क्लेश रहित जीवन किस प्रकार जियें।
A. आप प्रतिदिन अपने जीवन में अवश्य ही बहुत सारे टकरावों का सामना करते होंगे।, उदाहरण के तौर पर जब... Read More
Q. क्लेश निवारण हेतु सर्वश्रेष्ठ उपाय
A. जीवन में टकराव के प्रसंगों का हल कैसे निकाला जाए उसके लिए बहुत से समाधान है हालांकि प्रतिक्रमण रूपी... Read More
subscribe your email for our latest news and events