आत्मज्ञान तब होता है जब आपको, 'मैं कौन हूँ' इस प्रश्न का उत्तर पता चलता है । यह आपको तब अनुभव होता है जब आपको पता चलता है कि आप एक शुद्धआत्मा हो और शरीर से अलग हो।
ज्ञानी पुरुष (आत्मज्ञान सहित) की परम कृपा से बिना किसी पुरुषार्थ के, २ घंटे तक चलनेवाली एक वैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा हम आत्माज्ञान प्राप्त कर सकते है, जिसे ज्ञानविधि कहते है |
इस दो घंटे के ज्ञानविधि समारोह के दौरान:
आत्मा के प्रति जाग्रति उत्पन्न होती है। एक बार जाग्रत हो जाने पर, जागरूकता कभी नहीं छूटती। जब, "मैं एक शरीर हूँ" यह अनुभव चला जाता है, तो नया कर्म बंधन नही होता है। आप न केवल 'मैं कौन हूँ ' का ज्ञान और जागरूकता प्राप्त करते हैं, बल्कि यह भी अनुभव करते हैं कि ' कर्ता कौन है।'
तत्पश्चात, व्यावहारिक रोज़मर्रा के उदाहरणों की मदद से, आपको समझाया जाएगा कि अपने जीवन का संचालन कैसे करें ताकि नए कर्मों का चार्ज न हो । तब आपको पता चलेगा कि आप अपने पिछले कर्मों को कैसे असानी से नष्ट कर सकते हैं और शुद्धात्मा की जाग्रति, लगातार बनी रहेगी।
आपको खुले मन के साथ और किसी पूर्व अनुमान के बिना आना चाहिए । इस मानसिकता को बनाए रखें कि 'जो भी आध्यात्मिक ज्ञान मुझे दिया जा रहा है, मैं उसका दिल से स्वीकार करना चाहता हूँ और उसे अनुकरण करना चाहता हूँ और फिर जो भी निर्देश दिए जा रहे हैं; मैं इस आध्यात्मिक पंथ पर आगे बढ़ने के लिए धीरे-धीरे और लगातार उनका अनुसरण करना चाहूँगा।‘ इसमे किसी भी प्रकार की क्रिया, ध्यान या आध्यात्मिक अभ्यास करने की और किसी भी तरह के त्याग की आवश्यकता नहीं है।
ज्ञानविधि और सभी सत्र बिना किसी मूल्य के हैं और किसी भी तरह की सुक्ष्म शुल्क नहीं है।
ज्ञानविधी एक अनुभवात्मक प्रक्रिया है जो १८ वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए उपलब्ध है। आपके वर्तमान धर्म या गुरु को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है ; आध्यात्मिक गुरु (ज्ञानी पुरुष ) का शिक्षण किसी भी धर्म, लिंग, शिक्षा, वैवाहिक और सामाजिक स्थिति से निरपेक्ष हैं।
स्वयं के पुरुषार्थ से आत्मज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है। जब आपकी तबीयत ठीक नहीं होती है तब आप दवाइयों के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, तो इसी तरह अपने सच्चे स्वरुप (आत्मा) का अनुभव करने के लिए प्रत्यक्ष ज्ञानी पुरुष की आवश्यकता होती है। प्रत्यक्ष ज्ञानी पुरुष की कृपा से ही आप आत्मा का अनुभव कर सकते हैं।
परम पूज्य दादा भगवान एक ऐसे ज्ञानी पुरुष थे, जिन्हें भीतर आत्म का ज्ञान अनायास स्वयं प्रकट हुआ था। आज परम पूज्य दादाश्री के आशीर्वाद से, पूज्य दीपकभाई इसी ज्ञान के साथ दुनिया भर के मुमुक्षु को आशीर्वाद देते हैं , ताकि वे सांसारिक जीवन से मुक्त हो सकें और मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ सकें ।
आप अपने आस-पास के किसी स्थान पर अगले आत्म बोध समारोह का विस्तृत अनुसूची यहाँ पा सकते हैं।
ज्ञानविधि में भाग लेने के बाद कई लोगों ने अपने जीवन में शांति का अनुभव किया है। आप यहाँ उनके अनुभवों को पढ़ और देख सकते हैं।
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