आपने सुना होगा कि मुक्ति पाने की अपनी गहरी इच्छा को पूरा करने के लिए, लोग अपने घर और परिवार को त्याग देते हैं, मंत्र का जाप करते हैं, तप करते हैं, साथ ही तपश्चर्या भी करते हैं; यह सभी आत्मा को मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए करते हैं।
जबकि दूसरी तरफ, सांसारिक जीवन में रहते हुए और विवाहित होते हुए भी कई महापुरुष जैसे श्रीमद राजचंद्र, भगवान कृष्ण, अर्जुन और भगवान राम को आत्म साक्षात्कार हुआ था।
हाँ! वास्तव में एक पत्नी, बच्चे, धन और इन्द्रिय सुख, मोक्ष प्राप्त करने में बाधक नहीं हैं, केवल आत्मा की अज्ञानता एक बाधक है।
आइए जानें ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादा भगवान के इस संक्षिप्त अंश आध्यात्मिक सत्संग द्वारा:
प्रश्रकर्ता : लेकिन इस संसार में रहते हुए इस प्रकार आत्मज्ञान मिल सकता है?
दादाश्री : हाँ, ऐसा रास्ता है। संसार में रहकर। इतना ही नहीं, लेकिन वाइफ के साथ रहते हुए भी आत्मज्ञान मिल सके, ऐसा है। सिर्फ संसार में रहना ही नहीं, लेकिन बेटे-बेटियों की शादी करवाकर और सभी कार्य करते हुए भी आत्मज्ञान हो सकता है। आपके संसार में रहते हुए ही मैं यह करवा देता हूँ। संसार में, अर्थात सिनेमा देखने जाना वगैरह | आपको सभी छूट देता हूँ। बेटे-बेटियों की शादी करवाना और अच्छे कपड़े पहनकर करवाना। फिर इससे ज़्यादा और कोई गारन्टी चाहिए?
प्रश्रकर्ता : इतनी सारी छूट मिले, तब तो ज़रूर आत्मा में रहा जा सकता है।
दादाश्री : सारी छूट! यह अपवाद मार्र्ग है। आपको कुछ मेहनत नहीं करनी है। आपको आत्मा भी आपके हाथों में दे देंगे, उसके बाद आत्मा की रमणता में रहना और इस लिफ्ट में बैठे रहना। आपको और कुछ भी नहीं करना है। फिर आपको कर्म बंधेगे ही नहीं। एक ही जन्म के कर्म बंधेंगे, वे भी मेरी आज्ञा पालन के बदले ही। हमारी आज्ञा में रहना इसीलिए ज़रूरी है कि लिफ्ट में बैठते समय यदि हाथ इधर-उधर करेंगे तो मुश्किल में पड़ जाएँगे न!
Q. मेरे जीवन का लक्ष्य क्या होना चाहिए?
A. हमारे पास जो कुछ भी है, उसके पीछे एक उद्देश्य है और हम अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन कार्यों... Read More
Q. मोक्ष (मुक्ति) क्या है? क्या मैं इसके बारे में अधिक जान सकता हूँ?
A. क्या आपको सुख पसंद है या दुःख? सुख, सही न? क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि यदि आप सुख... Read More
Q. क्या आपको कभी अपने सच्चे सवरूप के बारे में शंका हुई है? खोज करें अपने सच्चे सवरूप की!
A. वास्तव में,'मैं कौन हूँ' के मुद्दे पर किसी को कोई संदेह या शंका नहीं है? हालाँकि, यह शंका पहली बार... Read More
A. अनादिकाल से, हम खुद देह स्वरूपमें ही रहे और देह को ही सब कुछ माना है। उसके कारण देह को जो कुछ भी... Read More
Q. 'मैं कौन हूँ' की वैज्ञानिक समझ क्या है?
A. हम कहते हैं, 'मैं चन्दुलाल हूँ।' हम यह भी कहते हैं कि, 'मेरा नाम चन्दुलाल है।' तो परोक्ष रूप से,... Read More
Q. क्या आप आत्मज्ञान के बारे में जानना चाहते हैं?
A. आत्मज्ञान तब होता है जब आपको, 'मैं कौन हूँ' इस प्रश्न का उत्तर पता चलता है । यह आपको तब अनुभव होता... Read More
Q. आत्मज्ञान का क्या महत्व है? यह केसे हितकारी है?
A. अक्रम विज्ञान में, आत्मज्ञान न केवल एक आध्यात्मिक प्रगति में मदद करता है, लेकिन साथ में सांसारिक... Read More
Q. आध्यात्मिक जागृति के बाद आप क्या अनुभव करते हैं?
A. जलती हुई मोमबत्ती की एक छवि एक कमरे के भीतर अंधेरे को दूर नहीं कर सकती है, लेकिन साक्षात जलती हुई... Read More
Q. आध्यात्म के पंथ पर केवलज्ञान (सर्वज्ञ) दशा को प्राप्त करने के लिए महत्त्व पूर्ण चरण कौन से है?
A. आत्मा पर अज्ञानता के आवरण की वजह से अंधकार छाया हुआ है| जैसे एक मटके में हज़ार वॉट का बल्ब लगाया हो... Read More
subscribe your email for our latest news and events