अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
उसे मोक्ष कहते ही नहीं !
छोटा बच्चा हो वह भी कहता है कि, 'भगवान ने बनाया'। बडे़ संत हो वे भी कहते हैं कि 'भगवान ने बनाया'। यह बात लौकिक है, अलौकिक (रीयल) नहीं है।
भगवान यदि क्रियेटर होता तो वह सदा के लिए हमारा ऊपरी ठहरता और मोक्ष जैसी चीज नहीं होती। पर मोक्ष है। भगवान क्रियेटर नहीं है। मोक्ष को समझने वाले लोग भगवान को क्रियेटर नहीं मानते। 'मोक्ष' और 'भगवान क्रियेटर' ये दोनों विरोधाभासी बातें हैं। क्रियेटर तो हमेशा का उपकारी हुआ और उपकारी हुआ इसलिए आखिर तक ऊपरी का ऊपरी ही रहा।
तो भगवान को किसने बनाया ?
भगवान ने बनाया, यदि ऐसा हम अलौकिक तौर पर कहेंगे तो 'लोजिक' वाले हमें पूछेंगे कि, 'भगवान को किसने बनाया ?' इसलिए प्रश्न खड़े होते हैं। लोग मुझे कहते हैं, 'हमें लगता है कि भगवान ही दुनिया के कर्ता हैं। आप तो इन्कार करते हैं, पर आपकी बात मानने में नहीं आती है। तब मैं पूछता हूँ कि यदि मैं स्वीकार करुँ कि भगवान कर्ता है, तो उस भगवान को किसने बनाया है॒? यह आप मुझे बतायें। और उस बनाने वाले को किसने बनाया ? कोई भी कर्ता हुआ तो उसका कर्ता होना चाहिए, यह 'लोजिक' है। पर फिर उसका एन्ड(अंत) ही नहीं आयेगा, इसलिए वह बात गलत है।
Q. ' मैं कौन हूँ ' की वैज्ञानिक समझ ?
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Q. भगवान कहाँ हैं ? क्या भगवान का अस्तित्व है ? भगवान क्या करते हैं ?
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Q. विवाहित होने के बावजूद भी आत्मज्ञान प्राप्ति संभव है?
A. दादाश्री : हाँ, ऐसा रास्ता है। संसार में रहकर इतना ही नहीं, पर वाइफ के साथ रहते हुए भी आत्मज्ञान मिल सके, ऐसा है। केवल संसार में रहना ही नहीं, पर...Read More
Q. आत्मा का अनुभव क्या होता है?
A. प्रश्नकर्ता : आत्मा का अनुभव हो जाने पर क्या होता है ? दादाश्री : आत्मा का अनुभव हो गया, यानी देहाध्यास छूट गया। देहाध्यास छूट गया, यानी कर्म बंधना रुक...Read More
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