अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें“यदि खुद के स्वरूप को पहचान लिया तो फिर वह, खुद ही परमात्मा है |”
~ परम पूज्य दादा भगवान
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता: अनजाने में किसी जीव की हिंसा हो जाए तो क्या करें?
दादाश्री: अनजाने में हिंसा हो जाए किन्तु मालूम होने पर आपको तुरंत ही पश्चाताप होना चाहिए कि ‘ऐसा न हो।’ फिर से ऐसा न हो, उसके लिए जागृति रखना, ऐसा अपना उदेश्य रखना। भगवान ने कहा था, ‘किसी को मारना नहीं है ऐसा दृढ़ भाव रखना।’ किसी जीव को ज़रा सा भी दु:ख नहीं देना है, ऐसी हररोज़ पाँच बार भावना करना। ‘मन, वचन, काया से किसी जीव को किंचित्मात्र दु:ख न हो’ पाँच बार ऐसा बोलकर संसारी प्रक्रिया शुरू करना, तो अत: ज़िम्मेदारी कम हो जाएगी। क्योंकि भाव करने का अधिकार है, क्रिया अपनी सत्ता में नहीं है।
प्रश्नकर्ता: भूल से हो गया हो तो भी पाप लगेगा न?
दादाश्री: भूल से आग में हाथ डालें तो क्या होगा?
प्रश्नकर्ता: जल जाएगा।
दादाश्री: छोटा बच्चा नहीं जलेगा?
प्रश्नकर्ता: जलेगा।
दादाश्री: वह भी जलेगा? अर्थात् छोडे़गा नहीं। अनजाने में करो या जानबूझकर करो, कुछ भी छोडे़गा नहीं।
A. दादाश्री : प्रतिक्रमण का अर्थ क्या यह आप जानते हैं? प्रश्नकर्ता : नहीं। दादाश्री : आप जैसा जानते है वैसा बताइये। प्रश्नकर्ता : पाप से वापस...Read More
A. प्रश्नकर्ता: प्रतिक्रमण विधि क्या है ? दादाश्री: उदाहरण के तौर पर अगर आप से किसी चंदूलाल को दुःख हो गया तो आपको 'चंदूलाल' के मन-वचन-काया के योग भावकर्म,...Read More
Q. मृत व्यक्ति से माफ़ी कैसे माँगें?
A. प्रश्नकर्ता: मृत व्यक्ति से किस तरह माफ़ी माँगनी चाहिए ? दादाश्री: हालांकि उनकी मृत्यु हो चुकी हैं फिर भी आप उनके फोटो के सामने या उनके चेहरे को याद...Read More
Q. अपने दोषों के लिए माफ़ी कैसे माँगे?
A. अपने आप हो जाये वह अतिक्रमण और प्रतिक्रमण तो सिखना पड़े। किसी को मारना हो तो सिखने नहीं जाना पड़ता, वह तो किसी का देखकर सिखा हुआ ही होता है। अब अतिक्रमण...Read More
Q. झूठ बोलना कैसे रोकें? उसके लिए माफ़ी कैसे माँगे?
A. प्रश्नकर्ता : हम झूठ बोलें हो तो वह भी कर्म बाँधना ही कहलाएगा न? दादाश्री : अवश्य ही! लेकिन झूठ बोलने का भाव करना तो झूठ बोलने से भारी कर्म है। झूठ...Read More
Q. व्यसनों से छूटने के लिए क्या करें?
A. प्रश्नकर्ता : मुझे सिगरेट पीने की बुरी आदत पड़ गई है। दादाश्री : तो उसके बारे में 'तू' ऐसा रखना, कि यह गलत है, बुरी चीज़ है, ऐसा। और यदि कोई कहे कि...Read More
Q. नकारात्मक विचारों को रोकने के लिए क्या करें?
A. प्रश्नकर्ता : प्रतिक्रमण कर्मफल के करने हैं या सूक्ष्म के करने हैं? दादाश्री : सूक्ष्म के होते हैं। प्रश्नकर्ता : विचार के या भाव के? दादाश्री : भाव...Read More
Q. वास्तविक प्रतिक्रमण आत्मज्ञान प्राप्ति के बाद में ही शुरू होते हैं!
A. प्रश्नकर्ता: प्रतिक्रमण शुद्ध माना जाता है? सच्चा प्रतिक्रमण किस प्रकार से है? दादाश्री: समकित होने के पश्चात् सच्चा प्रतिक्रमण होता है। सम्यकत्व् होने के...Read More
Q. अति आवश्यक धार्मिक सिद्धांत
A. मोक्षमार्ग में क्रियाकांड या ऐसा कुछ नहीं होता है। सिर्फ संसारमार्ग में क्रियाकांड होते हैं। संसारमार्ग यानी, जिसे भौतिक सुख चाहिए, अन्य कुछ चाहिए, उसके...Read More
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