Related Questions

क्या वर्तमान में कोई जीवंत भगवान हाज़िर है? वह कहाँ है? वह हमें कैसे मदद कर सकते है?

क्या वर्तमान मे कोई जीवंत भगवान हाज़िर है?

हाँ, वह है!

लेकिन इससे पहले कि हम यह अद्भुत जीवंत भगवान के बारे में अधिक जानें, हम कुछ और स्पष्टता के साथ भगवान शब्द के अर्थ को समझें ...

क्या आप जानते हैं कि शुद्धात्मा एक शाश्वत तत्त्व है और वह आप के अंदर ही बिराजमान है, और प्रत्येक जीवमात्र में है?

और भगवान और कुछ नहीं लेकिन शुद्धात्मा है। इस अर्थ से प्रत्येक जीवमात्र में जीवंत भगवान है।

हालाँकि, हमारे अंदर जो आत्मा है वह अपने आप में बिलकुल शुद्ध है; यह कर्म के आवरण की वज़ह से ढँका हुआ है जो हमारी चित्त को अस्पष्ट और अशुद्ध करता है। जैसे ही कोई व्यक्ति आत्मा ऊपर ढके हुए कर्मो के आवरण और अज्ञानता की भ्रान्ति से मुक्त होता है वैसे ही उन्हें आत्मा के गुण प्रकट होते हैं। तब ज्ञान की द्रष्टि पा कर, उन्हें केवलज्ञानी दशा प्राप्त होती है। जगत ऐसे मुक्त पुरुष को भगवान की पदवी देते है।

सीमंधर स्वामी हाज़िर भगवान !

सीमंधर स्वामी वर्तमान में जीवंत भगवान है, वह 'महाविदेह क्षेत्र' में विचरते हैं।

पूर्ण केवलज्ञानी परमात्मा, भगवान श्री सीमंधर स्वामी, ऐसी असाधारण आध्यात्मिक शक्तियों (सिद्धियों) के सहित हैं जो सभी जीवमात्र की आध्यात्मिक प्रगति के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं। प्रभु के इर्द-गिर्द मीलों तक, कोई भी बीमारी या दुःख से पीड़ित नहीं होता है, न ही किसी के मन में कोई पीड़ा या भय रहता है। देवी-देवता उनकी सेवा में निरंतर बने रहते हैं। वे एक समवोसरण की रचना करते है जहाँ मनुष्य, पशु, देवी-देवता -यह सभी जीवंत भगवान की दिव्य वाणी को सुनने के लिए एकत्र होते हैं। शेर अपनी हिंसा भूल जाता है और बकरी अपना भय भूल जाती है; दोनों एक-दूसरे के बगल में बैठते हैं और प्यार से प्रभु की देशना (वीतरागी वाणी) को सुनते हैं - ऐसा भगवान सीमंधर स्वामी की दिव्य उपस्थिति का परिणाम है। प्रत्येक जीवमात्र - चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो या पक्षी, सभी अपनी-अपनी भाषा में भगवान की दिव्य वाणी को समझने में सक्षम हो जाते है।

ऐसे भगवान के बारे में थोड़ी सी भी चर्चा हर किसी के दिल में उनके लिए पूज्यभाव जगाती है। और यह पूजा कभी भी किसी भी सांसारिक लाभ को प्राप्त करने के लिए नहीं है और न ही मानवीय घटनाओं में हस्तक्षेप करने के अनुरोध के लिए। लोग अपने क्रोध, मान, माया और लोभ की कमजोरियों को त्यागने के उद्देश्य से इन्हे ‘महान परमात्मा’ के रूप मे दर्शन करते हैं और उन्ही की तरह मोक्ष प्राप्ति करते हैं।

सीमंधर स्वामी के प्रति संपूर्ण समर्पण भाव से पुण्यानुबंधी पुण्य कर्म बंध होता है, जिससे हमारा अगला जन्म महाविदेह क्षेत्र में होता है। यदि हमारे घर में सीमंधर स्वामी की प्रतिमा है, तो हर बार जब हम उसे देखे, तब तब हम उनके नज़दीक जा सके एसे भाव से उनकी पूजा करनी चाहिये और भगवान की कृपा से ही केवलज्ञान की प्राप्ति संभव है प्रभु मानव जाति की मुक्ति (मोक्ष) के लिए हाज़िर ही है बस हमारा आंतरिक भाव यही एक मुख्य चाबी है!

जैसे ही भगवान सीमंधर स्वामी के प्रति हमारी श्रद्धा बढ़ती है, वैसे उनके साथ हमारा रूणानुबंध बढ़ता रहेगा। आखिरकार यह बंधन इतना मजबूत हो जाता है कि हमारा अगला जन्म प्रभु के चरणों में होगा

और जिस क्षण हमारी द्रष्टि भगवान सीमंधर स्वामी पर स्थापित होगी, तब अपार आनंद का हमे अनुभव होगा। फिर जगत विस्मृत हो जायेगा। जब इस सांसारिक विकल्पों से द्रष्टि अपने आप ही विलीन होगी तब आत्मा का संपूर्ण अनुभव प्राप्त होता है यह अनुभव हर किसी को होता है और हम भी यह अनुभव करेंगे, क्योंकि वर्तमान हाज़िर भगवान, सभी मुमुक्षु को मोक्ष का अनुभव प्राप्त करवाने के लिए परम सामर्थ्यवान है

वर्तमान में हाज़िर भगवान श्री सीमंधर स्वामी के बारे में अधिक माहिती के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

Related Questions
  1. भगवान क्या है?
  2. भगवान कौन है?
  3. क्या भगवान है? भगवान कहाँ है?
  4. भगवान को किसने बनाया? भगवान कहाँ से आए?
  5. क्या भगवान ने एस दुनिया को बनाया है?
  6. क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने सामूहिक रूप से सृष्टि का निर्माण किया है?
  7. क्या वर्तमान में कोई जीवंत भगवान हाज़िर है? वह कहाँ है? वह हमें कैसे मदद कर सकते है?
  8. भगवान को प्रार्थना कैसे करें
  9. मेरे गलत काम के लिए क्या भगवान मुझे माफ करेंगे या सजा देंगे?
  10. भगवान, मुझे आपकी जरूरत है आप कहाँ हो? भगवान कृपया मेरी मदद कीजिये!
  11. इश्वर के प्रेम को कैसे प्राप्त करें?
  12. भगवान पर ध्यान कैसे केन्द्रित करे?
  13. मूर्तिपूजा का महत्व क्या है?
  14. परमेश्वर के क्या गुण हैं?
  15. वास्तव में भगवान का अनुभव करने की कुंजी क्या है?
  16. भगवान कैसे बनें?
  17. अंबा माता और दुर्गा माता कौन हैं?
  18. देवी सरस्वती क्या दर्शाती हैं?
  19. लक्ष्मीजी कहाँ रहती हैं? उनके क्या कायदे हैं?
×
Share on