प्रार्थना एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम भगवान से जुड़ते हैं और उनसे शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
प्रार्थना हमारे सर्वांगी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है, जिसके बिना शायद हम फिसल भी सकते हैं। जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं, तब विनम्रता का गुण विकसित होता हैं, जो सही दिशा में हमारी प्रगति के लिए सबसे आवश्यक है।
जैसा कि आप जानते हैं, प्रार्थना एक विशेष कारण के लिए की जाती है। इसलिए, आप एसा ही चिंतवन करे कि जैसे भगवान आप के समक्ष ही उपस्थित है और उनसे शक्ति मांगिये कि आप उस कार्य को पूर्ण करने में सक्षम हों सके।
यहाँ कुछ प्रार्थनाएं दर्शाई हैं जो हमारे भीतर एक सुंदर चरित्र का निर्माण करने और हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करती हैं:
जब आप सुबह उठते हैं, तो शुद्ध भाव से प्रार्थना करें कि:
हे भगवान! प्राप्त मन, वचन और काया से इस दुनिया में किसी भी जीवमात्र को किंचितमात्र भी दुःख न हो।
इस प्रार्थना को दिल से और निष्ठा से कर के आपके भीतर काफ़ी परिवर्तन आएगा! आपके शरीर के सभी परमाणु किसी को दुःख न पहुंचे वैसी स्थिति में परिवर्तित हो जायेंगे। और एक दिन एसा आएगा जब वास्तविकता में कोई भी जिव आपके निमित्त से दुःखी नहीं होगा।
यदि हम जाने-अनजाने में किसी व्यक्ति को दुःखी करते है, तो उस व्यक्ति के अन्दर बैठे हुए शुद्धात्मा (भगवान) से सच्चे दिल से पस्तावे के साथ माफ़ी (प्रतिक्रमण) मांगनी चाहिए।
हे भगवान! मैंने अपने मन-वचन-काया के द्वारा आपको दुःख पहुँचाया है। जिसके लिए मैं माफी माँगता हूँ। मुझे माफ करो और मैं निश्चय करता हूँ कि ऐसा फिर कभी नहीं करूँगा। ऐसी भूल मुझसे फिर कभी नहीं हो उसके लिए मुझे शक्ति दो।"
आपके प्रतिक्रमण (पश्चाताप) की तीव्रता जिस व्यक्ति को दुःख हुआ है उतने ही प्रमाण में होनी चाहिए। यदि आप नियमित रूप से यह प्रेक्टिस के रूपमें अपनाएँगे तो जल्द ही अनुभव होगा कि आपके रिश्ते जहाँ बिगड़ने जा रहे थे वह अभी सुधर रहे है और आगे के जीवन में भी यह आपके आपसी रिश्तों में मजबूती बनाने में मददरूप होगा।
गलतियाँ होती हैं; यह स्वाभाविक है क्योंकि हम सामान्य मनुष्य हैं। महत्वपूर्ण यह है कि उनसे मुक्त कैसे हो सके?
ज्ञानी पुरुषने हमें अपनी गलतियों से मुक्त होने का शुद्ध मार्ग दिखाया है!
दिन के दौरान हुई गलतियों की एक सूची बनाएं। रात में, सोने जाने से पहले, अपनी सूची में प्रत्येक वस्तु के लिए भगवान से क्षमा मांगने का एक नियम बनाएं।
जिसके लिए मैं माफी माँगता हूँ। मुझे माफ करो और मैं निश्चय करता हूँ कि ऐसा फिर कभी नहीं करूँगा। ऐसी भूल मुझसे फिर कभी नहीं हो उसके लिए मुझे शक्ति दो।
गलतियाँ बार-बार होती रहेगी क्योंकि हमने उन्हें दूर करने के लिए कभी भी भगवान से प्रार्थना नहीं की है। अब, उपर दर्शाई हुई प्रार्थना करने से, छोटी गलतियां छुट जाएगी और बड़ी गलतियों का प्रमाण धीरे धीरे कम होता जाएगा। हमारी गलतियों से हम मुक्त हो जाए उससे से बेहतर और क्या हो सकता है। इसलिए अपनी गलतियों से मुक्त होने के लिए, इस प्रार्थना को नियमित रूप से करें, लेकिन सकारात्मक (पोजिटिव) भावना के साथ और न कि अपराधक भाव के साथ।
शांत जगह पर बैठ जाएं। अपनी आँखें बंद करें और 10 मिनट के लिए निम्नलिखित वाक्य को पढ़ें, अपने मन में वह प्रत्येक शब्द का उच्चारण करे।
"दादा भगवान ना असीम जय जय कार हो! ”
दादा भगवान हमारे भीतरवाले शुद्धात्मा को कहते हैं। आपकी इच्छानुसार, आप जो कोई भी भगवान को मानते है उनका नाम भी ले सकते है।
"दादा भगवान ना असीम जय जय कार हो!" का ऑडियो आप यहाँ सुन सकते है।
जब कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा होता है और आप उस व्यक्ति के प्रति घृणा महसूस करते हैं, तो यह सब आपको बेचैन कर देता है और इस बात से सामनेवाला व्यक्ति भी आपके प्रति बैर भाव रखेगा। इसके बजाय, उस व्यक्ति के भीतरवाले शुद्धात्मा से दिल से प्रार्थना करें:
हे भगवान! उन्हें सही ज्ञान मिले ताकि वह अपनी गलतियों को देख सके और उन गलतियों से मुक्त हो सके।
ऐसा करने से आपको शांति प्राप्त होगी और आपकी प्रार्थना से आपके प्रति सामनेवाला व्यक्ति के व्यवहार में भी धीरे धीरे सुधार आयेंगे।
इस प्रार्थना को सच्चे हृदय से कीजिये। यदि शक्य हो तो, आपके स्वजन जो अपने जीवन की अंतिम घड़ी का सामना कर रहे है उन्हें भी यह प्रार्थना करने के लिए कहिये और यह सुनिश्चित कर कि वे भगवान के निरंतर चिंतन में बने रहें और उनके मन में स्पष्ट रुपरेखा बनी रहे:
हे भगवान! मुझे इस जगत की कोई भी में विनाशी चीजों की इच्छा नहीं है। मेरी इच्छा मोक्ष की है। कृपया मेरे जीवन के अंतिम क्षण में उपस्थित रहें। मोक्ष जाने तक आप मेरे साथ बने रहे! मेरा अगला जन्म आपके पवित्र चरणों की शरण में ही प्राप्त हो!
आत्मा पर कर्म रूपी बोझ के कारण हमे जीवन में दुःख भुगतना पड़ता है। जैसे-जैसे कर्म कम होते जाते हैं, हम शुद्ध होने लगते हैं और हमारे दुःख कम होते जाते हैं। बस निम्नलिखित नौ अमूल्य प्रार्थनाओं का पाठ करना, यह उत्कृष्ट भाव (अंतर आशय) सहित है, धीरे-धीरे यह लगातार आपके सभी द्रष्टिकोण से शुद्ध बनने में मददरूप होंगे।
प्रार्थना यह प्रतिदिन यंत्रवत् पढ़ने की चीज़ नहीं है, हृदय में रखने की चीज़ है। जब भी आप तनावग्रस्त या चिंतित, भ्रमित या संदेह में हों, बस निश्चिंत हो जाए और भगवान से प्रार्थना करें। आप को जल्द ही आगे का रास्ता दिखेगा और समाधान भी प्राप्त होगा। यही प्रार्थना की शक्ति है!
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