लक्ष्मीजी देवी हैं, धन की देवी।
धन और दौलत की भूख आज पूरी दुनिया को चला रही है। लेकिन पैसे कमाने के पीछे असली कारण क्या है? अगर पैसा कड़ी मेहनत के फल से आता है, तो फिर मजदूर दुनिया के सबसे अमीर लोग होने चाहिए। लेकिन, वे नही हैं! और साथ ही, अगर पैसा बुद्धि के माध्यम से कमाया जाता है, तो कोई चार्टर्ड एकाउंटेंट या इंजीनियर बेरोज़गार नहीं होता।
वास्तव में, पैसा हमारे पिछले पुण्य के कर्मों का परिणाम है। अपने पिछले जन्मों में, हमने जो भी अच्छे कर्म किए, जो भी धर्म का पालन किया और हमने जो भी दान किया, उससे हमने पुण्य कर्मों को बांध लिया। जिसके परिणाम स्वरूप, आज हमारे घर में अच्छी आमदनी है।
लेकिन, अगर हम चाहते हैं कि देवी का, आगे भी, हमारे घर में निवास करे या हम उनका स्वागत अपने घर में करना चाहते हैं, तो कुछ बातें हैं जिनका हमें ध्यान रखना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने घर में झगड़ा न करें, हम दूसरों को चोट न पहुँचाएँ, मन का शुद्ध उपयोग करे, अपने सांसारिक व्यवहार में ईमानदार, महान और उदार रहें। इससे पुण्य कर्म बंधेंगे और अगले जन्म में लक्ष्मी देवी हमारे घर में अवश्य वास करेंगी।
यदि आप आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो शांत रहें और कठिन समय का, धैर्य के साथ सामना करें। यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई है और आप इससे कैसे बाहर आ सकते हैं, इस बारे में कुछ समझ प्राप्त करें।
देवी लक्ष्मी के पीछे दौड़कर लक्ष्मी नहीं आती, और न ही हमारी मेहनत से आती हैं। यह हमारी, सीधे बुद्धि का फल नहीं है, और ना ही, बेईमानी करके, परिणाम स्वरुप मिलती है। याद रखे, अगर हम अपनी दशा के लिए, दुसरो को दोषित न ठेराये, या गलत रास्ते ना अपनाए, तो वक्त के साथ, हम अपने ज़िन्दगी के मुश्किल दौर को, आसानी से पार कर पायेंगे, और इस जन्म में अच्छे कर्म करके, आगे के लिए अच्छा भविष्य, सुनिश्चित कर पायेंगे।
बेईमानी से पैसा न कमाएं और न ही लें। लक्ष्मी देवी, कैसे उस इंसान से प्रसन्न हो सकती है, जो इस नियम का उल्लंघन करे? बेईमानी से कमाया गया कोई भी पैसा, पैसा कमाने का सही तरीका नहीं है। एक सोचता है कि, 'मैंने बहुत पैसा कमाया क्योंकि मैंने गलत तरीकों का इस्तेमाल किया।' लेकिन यह सही तरीका नहीं है। आज वह जो पैसा कमाता है वह पिछले जन्मों में किए गए अच्छे कर्मों का परिणाम है, लेकिन अंधाधुंध और अनियंत्रित होकर, वह बाधाएं उत्पन्न करता है, जो उसे अगले जन्म में गरीब बना देगा। इस जीवन में भी छल से प्राप्त किया हुआ धन, व्यक्ति के जीवन को बहुत ही दुःखदायी बना देता है।
यह ऐसा है जैसे जब बहुत भारी वर्षा होती है, तब हमें अच्छा लगता है। लेकिन जब पानी निकल जाता है? वह पीछे इतना कीचड़ छोड़ जाता है कि, हमे इतनी मेहनत करनी पढ़ती हैं, उस मलबे को धोने और दाग हटाने में, जिससे कि, चीजों को सामान्य रूप में वापस लाया जा सके। काला धन बाढ़ के पानी की तरह है, इसलिए 'सावधानी से चलें'।
कुछ अनाज विक्रेता, अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए, अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज को, निम्न गुणवत्ता वाले के साथ मिला देते हैं, जबकि कुछ व्यापारी अपने बिल में जो लिखा है, उससे कम तोलते हैं। जो दुसरो के साथ धोखा और कपट करते है, या दुसरे कि दौलत का लालच रखते है, वे असल में, भगवान को धोखा दे रहे है।
लक्ष्मी देवी, अपनी उपस्तिथि से, वहा शोभा बढ़ाती हैं, जहा मन, वचन और काया से, कोई चोरी या कपट ना हो। भले ही कोई व्यक्ति भगवान या देवी लक्ष्मी की पूजा नहीं करता है, पर जब तक वह नैतिक है, तब तक उसे लाभ मिलता रहेगा। नैतिकता हमारे सभी सांसारिक संबंधों की नींव में होनी चाहिए।
लक्ष्मी देवी के प्रति सम्मान देने में , कभी भी, कोई कमी ना छोढ़े। पैसे के सम्बन्ध में, कभी ऐसा नहीं कहना, कि “मुझे पैसो कि कोई ज़रूररत नहीं।” कई ऋषियों और मुनियों ने, पैसो को त्याग दिया, जो अच्छा नहीं है। ऐसा करने से व्यक्ति ऐसे कर्म बांधता है, जिसके कारण उसे कई जन्मों तक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है; वह अपने अगले जन्म में पैसे भी देख नही पायेगा।
जितना अधिक आप पैसे को याद करते हैं, उतना ही वह आपसे दूर होता जाता है। हर समय पैसे के बारे में मत सोचो! सतयुग के दौरान (मन, वचन और काया कि एकता वाला युग), एक व्यक्ति को वह सब उसी क्षण मिल जाता है, जब वह उसके बारे में सोचता है। जबकि कलियुग (वर्तमान युग जिसमें हम जी रहे है) का प्रभाव ऐसा है कि, कोई किसी को या किसी चीज़ को जितना अधिक याद करता रहता है, वह उससे उतना ही दूर होता जाता है।
माँ लक्ष्मी के आने पर उनका स्वागत करें और उनके जाने पर उन्हें विदा करें। लक्ष्मी माता से प्राथर्ना करते वक्त कहे, “हे लक्ष्मी माता, आपका इस घर में बहुत स्वागत है, जब भी अनुकूल हो, आप ज़रूर आए| यह आपका घर है, अपनी इच्छानुसार आप कभी आ सकते है और जा सकते है। बस, यह इतना ही आपको कहना है।
अगर पैसा आपके रास्ते में आए तो उसे रोके नहीं और अगर वह नहीं आता है, तो उसके पीछे न पढ़े। पैसा तब आएगा, जब उसका आपके पास आना तय होगा, और जब उसके जाने का समय होगा तो वह चला जाएगा।
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