कोई व्यक्ति अगर खुद की एक भूल भी खत्म करे, तो वो भगवान कहा जाएगा। ऐसे बहुत लोग हैं, जो आपकी गलतियाँ निकालेंगे। लेकिन कोई भी उन को खत्म नहीं कर सकता। गलती निकालना आना चाहिए, अगर आपको यह पता नहीं है कि किसी को उसकी गलतियाँ कैसे दिखाएँ तो वह आपकी ही गलती है। किसी व्यक्ति को उसकी भूल दिखाना एक बहुत बड़ा काम है। जो किसी व्यक्ति को उसकी गलतियाँ दिखाने के बाद उसे यह बताए कि उन गलतियों को कैसे खत्म किया जा सकता है, वही भगवान है। सिर्फ ज्ञानीपुरुष ही यह काम कर सकते हैं।
हमें इस जगत् में कोई दोषित दिखता ही नहीं है। जेबकतरा हो या चारित्रहीन हो, उन्हें भी हम निर्दोष ही देखते हैं। हम 'सत् वस्तु' को ही देखते हैं। वह तात्विक दृष्टि है। पैकिंग को हम देखते नहीं हैं। वेरायटीज़ ऑफ पैकिंग हैं, उनमें हम तत्त्वदृष्टि से देखते हैं। 'हमने' संपूर्ण निर्दोष दृष्टि की और सारे जगत् को निर्दोष देखा। इसलिए ही 'ज्ञानी पुरुष' आपकी 'भूल' मिटा सकते हैं! औरों की बिसात नहीं।
Book Name: निजदोष दर्शन से... निर्दोष! (Page #40 Paragragh #3)
Q. क्या इस संसार में होनेवाली हरएक चीज़ के लिए भगवान ज़िम्मेदार हैं?
A. लोग मानते हैं कि भगवान ऊपरी हैं, इसलिए उनकी भक्ति करेंगे तो छूट जाएँगे। पर नहीं, कोई बाप भी ऊपरी... Read More
Q. संसार में इतना दुःख और पीड़ा क्यों है?
A. दुःख सब नासमझी का ही है इस जगत् में। दूसरा कोई भी दुःख है, वह सब नासमझी का ही है। खुद ने खड़ा किया... Read More
Q. मुझे दूसरों के दोष क्यों दिखते हैं?
A. प्रश्नकर्ता : मुझे सामनेवाले मनुष्य के गुण के बजाय दोष अधिक दिखते हैं, उसका क्या कारण है? दादाश्री... Read More
Q. मैं अपनी बुद्धि पर कैसे काबू रखूँ, क्योंकि यह मुझे दूसरों के दोष दिखाती रहती है?
A. प्रश्नकर्ता : मतलब दूसरों का दोष नहीं, हमारा ही दोष है? दादाश्री : हाँ, ऐसा है न, बुद्धि को एक जगह... Read More
A. आपके दोष भी हमें दिखते हैं, पर हमारी दृष्टि शुद्धात्मा की तरफ होती है, उदयकर्म की तरफ दृष्टि नहीं... Read More
A. 'स्वरूपज्ञान' बिना तो भूल दिखती नहीं है। क्योंकि 'मैं ही चंदूभाई हूँ और मुझ में कोई दोष नहीं है,... Read More
Q. आत्मज्ञान प्राप्ति के लक्षण क्या है?
A. यह ज्ञान लेने के बाद बाहर का तो आप देखोगे वह अलग बात है, पर आपके ही अंदर का आप सब देखा करोगे, उस... Read More
Q. आत्मज्ञान प्राप्ति के बाद में दोषों को खत्म कैसे करें?
A. मन-वचन-काया से प्रत्यक्ष दादा भगवान की साक्षी में क्षमा माँगते रहना। हर कदम पर जागृति रहनी चाहिए।... Read More
A. इस जगत् में कोई भी मनुष्य आपका कुछ भी नुकसान करता है, उसमें वह निमित्त है। नुकसान आपका है, इसलिए... Read More
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