अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता : पर वे गलत बोलते हों या गलत करते हों तो भी हमें नहीं बोलना चाहिए?
दादाश्री : बोलना चाहिए। ऐसा कह सकते हैं, 'ऐसा नहीं हो तो अच्छा, ऐसा नहीं हो तो अच्छा।' हम ऐसा कह सकते हैं। पर हम उसके बॉस (ऊपरी) हों, उस तरह से बात करते हैं न, इसलिए बुरा लगता है। खराब शब्द हों, वे विनय के साथ कहने चाहिए।
प्रश्नकर्ता : बुरा शब्द बोलते समय विनय रह सकता है?
दादाश्री : वह रह सकता है, वही विज्ञान कहलाता है। क्योंकि 'ड्रामेटिक' (नाटकीय) है न! होता है लक्ष्मीचंद और कहता है, 'मैं भर्तुहरि राजा हूँ, इस रानी का पति हूँ, फिर भिक्षा दे दे मैया पिंगला।' कहकर आँखों में से पानी टपकाता है। तब, 'अरे, तू तो लक्ष्मीचंद है न? तू सचमुच रोता है?' तब कहेगा, 'मैं क्यों सचमुच रोऊँ? यह तो मुझे अभिनय करना ही पड़ेगा, नहीं तो मेरी तऩख्वाह काट लेंगे।' उस तरह से अभिनय करना है। ज्ञान मिलने के बाद यह तो नाटक है।
Book Name: वाणी, व्यवहार में... (Page #45 Paragragh #8, #9 & Page #46 Paragragh #1, #2, #3)
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Q. बच्चों के साथ कैसे बातचीत करें?
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Q. बच्चों को कैसे सँभाले? बच्चें वादविवाद क्यों करते हैं?
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Q. व्यवसाय में कठोर वचन बोलने से कैसे बचें?
A. प्रश्नकर्ता : व्यापार में सामनेवाला व्यापारी जो होता है, वह नहीं समझे और अपने से क्रोधावेश हो जाए, तो क्या करना चाहिए? दादाश्री : व्यापारी के साथ तो मानो...Read More
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Q. टकराव मुक्त संबंध कैसे रखें?
A. दादाश्री : तो फिर मनुष्य झगड़ें तो कैसे अच्छा लगेगा? कुत्ते झगड़ते हों तो भी अच्छा नहीं लगता हमें। यह तो कर्म के उदय से झगड़े चलते रहते हैं, पर जीभ से...Read More
Q. रिश्तों में टकराव लानेवाली समस्याओं से कैसे निपटे?
A. प्रश्नकर्ता : कहना नहीं आए तो फिर क्या करना चाहिए? चुप बैठना चाहिए? दादाश्री : मौन रहना और देखते रहना कि 'क्या होता है?' सिनेमा में बच्चों को पटकते हैं,...Read More
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