प्रश्नकर्ता : किसी स्वजन का अंतकाल नज़दीक आया हो तो उसके प्रति आस-पास के सगे-संबंधियों का बरताव कैसा होना चाहिए?
दादाश्री : जिनका अंतकाल नज़दीक आया हो, उन्हें तो बहुत अच्छी तरह सँभालना चाहिए। उनका हर एक शब्द सँभालना चाहिए। उसे नाराज़ नहीं करना चाहिए। सभी को उन्हें खुश रखना चाहिए और वे उलटा बोलें तब भी आपको स्वीकार करना चाहिए कि 'आपका सही हैं!' वे कहेंगे, 'दूध लाओ' तब तुरन्त दूध लाकर दे दें। तब वे कहें 'यह तो पानीवाला है, दूसरा ला दो!' तब तुरन्त दूसरा दूध गरम करके ले आएँ। फिर कहें कि 'यह शुद्ध-अच्छा है।' परन्तु उन्हें अनुकूल रहे ऐसा करना चाहिए, ऐसा सब बोलना चाहिए।
प्रश्नकर्ता : अर्थात् उसमें खरे-खोटे का झंझट नहीं करना है?
दादाश्री : यह खरा-खोटा तो इस दुनिया में होता ही नहीं है। उन्हें पसंद आया कि बस, उसके अनुसार सब करते रहें। उन्हें अनुकूल रहे उस प्रकार से बरताव करें। वो छोटे बच्चे के साथ हम किस प्रकार का बरताव करते हैं? बच्चा काँच का गिलास फोड़ डाले तो हम उसे डाँटते हैं? दो साल का बच्चा हो, उसे कुछ कहते हैं कि क्यों फोड़ डाला या ऐसा-वैसा? बच्चे के साथ व्यवहार करते हैं, उसी प्रकार उनके साथ व्यवहार करना चाहिए।
Book Name: मृत्यु समय, पहले और पश्चात... (Page #7 Paragraph #2 to #5 & Page #8 Paragraph #1)
Q. क्या धार्मिक क्रियाएँ मरनेवाले व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है?
A. प्रश्नकर्ता :अंतिम घंटों में अमुक लामाओं को कुछ क्रियाएँ करवाते हैं। जब मृत्यु-शय्या पर मनुष्य होता... Read More
A. प्रश्नकर्ता : ये श्राद्ध में तो पितृओं को जो आहवान होता है, वह ठीक है? उस समय श्राद्ध पक्ष में पितृ... Read More
Q. मेरे बेटे की आकस्मिक मृत्यु का क्या कारण है?
A. प्रश्नकर्ता : मेरे बेटे का दुर्घटना में निधन हुआ है, तो उस दुर्घटना का कारण क्या होगा? दादाश्री :... Read More
Q. क्या हमारे भीतर के स्पंदन मृतक तक पहुँच सकते हैं?
A. बच्चे मर गए फिर, उनके पीछे उनकी चिंता करने से उन्हें दुःख होता है। अपने लोग अज्ञानता के कारण ऐसा सब... Read More
A. मनुष्यदेह में आने के बाद अन्य गतियों में जैसे कि देव, तिर्यंच अथवा नर्क में जाकर आने के बाद फिर से... Read More
A. इसलिए मृत्यु से कहें कि ''तुझे जल्दी आना हो तो जल्दी आ, देर से आना हो तो देर से आ, मगर 'समाधि मरण'... Read More
A. जिसका अंतिम समय आ गया हो, उसे इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए। 'हे दादा भगवान, हे श्री सीमंधर... Read More
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