अंबालाल मूलजीभाई पटेल जो “दादा भगवान” या “दादाश्री” के नाम से जाने जाते हैं, एक शाम सूरत स्टेशन पर बैठे थे, तभी उन्हें कुदरती रूप से सभी आध्यात्मिक प्रश्नों के संपूर्ण रहस्य प्रकट होकर आत्मज्ञान हुआ। वह ज्ञानी पुरुष परम पूज्य दादा भगवान बने। उनके भीतर के सभी शत्रुओं को हरा कर पूर्ण रूप से आत्मा प्रकट हो गया।...Read More
डॉ. नीरुबहन अमीन, जिन्हें हम ‘नीरु माँ’ भी कहते हैं, परम पज्य दादा भगवान की प्रमुख शिष्या थीं। उन्होंने अपना पूर्ण जीवन परम पूज्य दादाश्री की सेवा में समर्पित किया। पूज्य नीरु माँ सभी सत्संग रिकॉर्ड करे, जिन से पुस्तकें संकलित हुई हैं। पूज्य नीरु माँ ने इस दुनिया को ज्ञानीपुरुष की शुद्ध वाणी भेंट दी।...Read More
पूज्य दीपकभाई या पूज्यश्री आत्मज्ञानी हैं। १७ साल की उम्र में वे परम पूज्य दादा भगवान से मिले और उन्हीं से पूज्यश्री को आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था। सन् १९८७ में, परम पूज्य दादा भगवानने पुज्यश्री को अमेरिका बुलवाकर सत्संग करने की आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान की। पूज्यश्री आज भी इस जगत कल्याण के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।...Read More
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