प्रश्नकर्ता : यानी यह देह छोड़ना और दूसरा धारण करना, उन दोनों के बीच में वैसे, कितना समय लगता है?
दादाश्री : कुछ भी समय नहीं लगता। यहाँ भी होता है, इस देह से अभी निकल रहा होता है यहाँ से और वहाँ योनि में भी हाज़िर होता है, क्योंकि यह टाइमिंग है। वीर्य और रज का संयोग होता है, उस घड़ी। इधर से देह छूटनेवाला हो, उधर वह संयोग होता है, वह सब इकट्ठा हो तब यहाँ से जाता है। नहीं तो वह यहाँ से जाता ही नहीं, अर्थात् मनुष्य की मृत्यु के बाद आत्मा यहाँ से सीधा ही दूसरी योनी में जाता है। इसलिए आगे क्या होगा, इसकी कोई चिन्ता करने जैसा नहीं है। क्योंकि मरने के बाद दूसरी योनि प्राप्त हो ही जाती है और उस योनि में प्रवेश करते ही वहाँ खाना आदि सब मिलता है।
Book Name: मृत्यु समय, पहले और पश्चात... (Page #35 Paragraph #3, #4)
A. प्रश्नकर्ता : मृत्यु क्या है? दादाश्री : मृत्यु तो, ऐसा है न, यह कमीज़ सिलवाई अर्थात् कमीज़ का जन्म... Read More
A. प्रश्नकर्ता : तो मृत्यु किस लिए आती है? दादाश्री : वह तो ऐसा है, जब जन्म होता है, तब ये... Read More
Q. क्या आपको मृत्यु का डर नहीं है?
A. यह निरंतर भयवाला जगत् है। एक क्षणभर के लिए भी निर्भयतावाला यह जगत् नहीं है और जितनी निर्भयता लगती... Read More
Q. मृत्यु के अंतिम घंटों में क्या होता है?
A. मरते समय सारी ज़िन्दगी में जो किया हो, उसका सार (हिसाब) आता है। वह सार पौना घंटे तक पढ़ता रहे, फिर... Read More
Q. क्या वास्तव में पुनर्जन्म है?
A. प्रश्नकर्ता : जीवात्मा मरता है, फिर वापस आता है न? दादाश्री : ऐसा है न, फॉरेनवालों का वापस नहीं... Read More
Q. क्या मृत्यु के बाद जीवन है?
A. दादाश्री : मृत्यु के बाद जन्म और जन्म के बाद मृत्यु है, बस। यह निरंतर चलता ही रहता हैं! अब यह जन्म... Read More
Q. क्या मनुष्य का जन्म हमेशा मनुष्य योनि में ही होता है?
A. प्रश्नकर्ता : मनुष्य में से मनुष्य में ही जानेवाले हैं न? दादाश्री : वह खुद की समझ में भूल है।... Read More
Q. क्या यह सच है कि कोई व्यक्ति मनुष्य योनि में से जानवर योनि में जा सकता है?
A. प्रश्नकर्ता : 'थियरी ऑफ इवोल्युशन' (उत्क्रंतिवाद) के अनुसार जीव एक इन्द्रिय, दो इन्द्रिय ऐसे... Read More
Q. क्या ज्ञान प्राप्ति का आनंद इसी जन्म तक सीमित है?
A. प्रश्नकर्ता : मात्र यह सनातन शांति प्राप्त करे तो वह इस जन्म के लिए ही होती है या जन्मों जन्म की... Read More
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