Related Questions

कौन सबसे अधिक दुःख भुगतता है?

जिसका ज़्यादा दोष, वही इस संसार में मार खाता है। मार कौन खाता है? यह देख लेना। जो मार खाता है, वही दोषित है।

जो भुगते, उस पर से हिसाब निकल आएगा कि कितनी भूल थी! घर के दस सदस्य हैं। उनमें से दो को घर कैसे चलता होगा, उसका विचार तक नहीं आता। दो सदस्य ऐसा सोचते हैं कि घर में हेल्प करनी चाहिए। दो-तीन सदस्य घर चलाने में मदद करते हैं, एक तो पूरा दिन घर किस तरह चलाना, उसीकी चिंता में रहता है और दो सदस्य तो आराम से सोते रहते हैं। तब भूल किसकी? भाई, भुगते उसी की, चिंता करे उसीकी। जो आराम से सोते हैं, उसे कुछ भी नहीं।

भूल किसकी है? तब कहेंगे कि कौन भुगत रहा है, इसका पता लगाओ। नौकर के हाथों से दस गिलास टूट गए तो उसका असर घर के लोगों पर होगा या नहीं होगा? अब घर के लोगों में बच्चों को तो कुछ भुगतने का नहीं होता, लेकिन उनके माँ-बाप अकुलाते रहेंगे। उसमें भी माँ थोड़ी देर बाद आराम से सो जाएगी, लेकिन बाप हिसाब लगाता रहेगा, कि पचास रुपयों का नुकसान हुआ। वह ज़्यादा एलर्ट है, इसलिए ज़्यादा भुगतेगा। 'भुगते उसी की भूल'।

भूल को हमें ढूँढने नहीं जाना पड़ता। बड़े-बड़े जज़ों या वकीलों को भी ढूँढने नहीं जाना पड़ता। उसके बजाय यह सूत्र दिया है, यह थर्मामीटर, कि 'भुगते उसी की भूल'। यदि कोई इतना पृथक्करण करते-करते आगे बढ़ता चलेगा, तो सीधा मोक्ष में पहुँच जाएगा।

×
Share on