अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
भुगते उसी की भूल, यह 'गुप्त तत्व' है। यहाँ बुद्धि थक जाती है। जहाँ मतिज्ञान काम नहीं करता, वह बात 'ज्ञानीपुरुष' के पास स्पष्ट होती है, वह 'जैसी है, वैसी' होती है। इस गुप्त तत्व को बहुत सूक्ष्म अर्थ में समझना चाहिए। यदि न्याय करनेवाला चेतन होता तो वह पक्षपात भी करता लेकिन जगत् का न्याय करनेवाला निश्चेतन चेतन है। उसे जगत् की भाषा में समझना हो तो वह कम्प्यूटर जैसा है, कम्प्यूटर में प्रश्न डालें तो तब कम्प्यूटर की भूल हो सकती है, लेकिन कुदरत के न्याय में भूल नहीं होती। इस जगत् का न्याय करनेवाला निश्चेतन चेतन है और 'वीतराग' है। यदि 'ज्ञानीपुरुष' का एक ही शब्द समझ जाए और ग्रहण कर ले तो मोक्ष में ही जाएगा। किसका शब्द? ज्ञानीपुरुष का! इससे, किसीको किसीकी सलाह ही नहीं लेनी पड़ेगी कि इसमें किसकी भूल है? 'भुगते उसी की भूल'।
यह साइन्स है, पूरा विज्ञान है। इसमें एक अक्षर की भी भूल नहीं है। यह तो विज्ञान यानी, केवल विज्ञान ही है। पूरे वर्ल्ड के लिए है। यह केवल इन्डिया के लिए ही है, ऐसा नहीं है। फॉरिन में सभी के लिए है यह!
जहाँ ऐसा स्पष्ट, निर्मल न्याय आपको दिखा देते हैं, वहाँ न्याय-अन्याय का बँटवारा करने का कहाँ रहता है? यह बहुत ही गहन बात है। तमाम शास्त्रों का सार बता रहा हूँ। यह तो 'वहाँ' का जजमेन्ट(न्याय) कैसे चल रहा है, वह एक्ज़ेक्ट बता रहा हूँ कि, 'भुगते उसी की भूल'। हमारे पास से 'भुगते उसी की भूल', यह सूत्र बिल्कुल एक्ज़ेक्ट निकला है! उसे जो कोई इस्तेमाल करेगा, उसका कल्याण हो जाएगा!!!
A. इन समाचारों में रोज़ आता हैं कि, 'आज टैक्सी में दो आदमियों ने किसीको लूट लिया, फलाँ फ्लेट मेंकिसी महिला को बाँधकर लूट लिया।' ऐसा पढ़कर हमें भड़कने की ज़रूरत...Read More
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A. प्रश्नकर्ता : कुछ लोग ऐसे होते हैं कि हम चाहे कितना ही अच्छा बर्ताव करें, फिर भी वे नहीं समझते। दादाश्री : वे नहीं समझते तो उसमें अपनी ही भूल है कि हमें...Read More
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Q. भूल किसकी? डॉक्टर या रोगी की?
A. डॉक्टर ने मरीज़ को इन्जेक्शन दिया और डॉक्टर घर जाकर चैन से सो गया। लेकिन मरीज़ को तो सारी रात इन्जेक्शन का दर्द रहा। तो इसमें भूल किसकी? मरीज़ की! और डॉक्टर...Read More
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A. लोग सहनशक्ति बढ़ाने को कहते हैं, लेकिन वह कब तक रहेगी? ज्ञान की डोर तो आखिर तक पहुँचेगी, सहनशक्ति की डोर कहाँ तक पहुँचेगी? सहनशक्ति लिमिटेड है, ज्ञान...Read More
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A. भूल किसकी? भुगते उसकी! क्या भूल? तब कहते हैं कि 'मैं चंदूभाई हूँ' यह मान्यता ही आपकी भूल है। क्योंकि इस जगत् में कोई दोषित नहीं है। इसलिए कोई गुनहगार भी...Read More
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