दिल टूट जाना बहुत दुखदायी होता है। ऐसा लगता है कि आपकी दुनिया पलट (उलटी हो) गई है और आप खुद सदमे से लेकर निराशा तक कई तरह की भावनाओं से गुजरते हैं। आपको आश्चर्य होगा की इस दर्द में से कभी निकल पायेंगे कि नहीं। अंत में आप आत्महत्या करने के विचारों तक पहुँच सकते हैं।
ऐसे कठिन समय में कुछ नकारात्मक(नेगेटिव) विचारों का अनुभव होना बिल्कुल सामान्य है लेकिन ब्रेकअप के बाद आत्महत्या के विचारों को तुरन्त ही दूर करना चाहिए।
ये कुछ बाते है जो आप अपने जीवन में अपना सकते हैं और जिससे आपको मदद मिलेगी। आप भीतर होते हुए सूक्ष्म बदलाव को देखेगें और इसे महसूस करेंगे।
मनुष्य जीवन यह एक कुदरती भेंट है, इसलिए इसे संजोकर रखें, इसे सांसारिक कष्टों में व्यर्थ ना न करें। मजबूत बनें, आपने अनंत योनियों में भटकने के बाद यह मानव जीवन प्राप्त किया है। सिर्फ मनुष्य गति में ही जीवन और मृत्यु के अनगिनत चक्रों से मुक्त हो सकते है। संसार तो सभी दु:खों और कष्टों के साथ ही होता है।
मनुष्य जीवन का ध्येय खुद के आत्मा को प्राप्त करना होना चाहिए ताकि मोक्ष प्राप्त हो सके। मोक्ष यानी संसार के तमाम दु:खों के बीच आंतरिक शांति का अनुभव करके खुद के स्वरूप में रहकर सभी प्रकार की मानसिक, शारीरिक और बाह्य समस्याओं से मुक्ति का अनुभव करना।
हमें यह शरीर मिला है, उसका कारण ही कर्म है। अन्य गति में जीव कर्म में से छूटते हैं पर कर्म बाँधते नहीं हैं, लेकिन सिर्फ मनुष्य जीवन में ही ऐसा है कि कर्म बाँधते हैं और उनसे मुक्त भी हो सकते है। जब आप किसी भी प्रकार के शुभ या अशुभ कर्मो के चार्ज करने से मुक्त हो जाते हैं तब अंतिम मुक्ति (मोक्ष) की प्राप्ति हो सकती है।
मोक्ष की प्राप्ति केवल पूर्ण प्रकाशक ज्ञानी पुरुष के द्वारा ही हो सकती है, क्योंकि उनको पहले से ही शुद्धात्मा पद की प्राप्ति हुई है और अन्य लोगों को भी शुद्धात्मा पद की प्राप्ति करवा रहे हैं, ज्ञानी पुरुष यह अध्यात्म में उच्च कोटि की स्थिति है, उनके जीवन का उद्देश्य जीवमात्र को सभी प्रकार के सांसारिक दु:खों से मुक्त करवाना है, क्योंकि वे हमेशा खुद के स्वसुख (शुद्धात्मा) के आनंद में होते हैं। इसलिए, जीवन जीना मत छोड़ो और ब्रेकअप के बाद आत्महत्या के बारे में मत सोचो, आपके साथ जो हुआ उसे स्वीकार करना बेहतर है और दुःख की भावना को दूर करने के लिए समाधान ढूंढना और यह पता लगाए कि दिल टूटने पर कैसे काबू पाया जाए।
‘घड़ी चढ़े, घड़ी उतरे, वह तो प्रेम न होय,
अघट प्रेम ही हृदय बसे, प्रेम कहिए सोय।’
इस प्रकार का प्रेम केवल ज्ञानी के पास से ही मिल सकता है, जो कभी बढता नहीं है और कभी घटता नहीं है - चाहे आप कुछ अच्छा करे या कुछ बुरा करे, वे हमेशा स्थिर रहते है। समग्र विश्व में केवल एक ज्ञानी को ही प्रत्येक जीव के प्रति इस प्रकार का प्रेम होता है - यह प्रेम संपूर्ण आत्मा(शुद्धात्मा) का है।
इसके विपरीत मनुष्यों में जो प्रेम है वह मोह और आसक्ति से भरा हुआ है। जो उनके जीवन में आते हुए विविध संजोगो और व्यक्तियों पर आधारित है। जब कोई आपको प्यार करता है और उसी घड़ी आपको कुछ ऐसा कहता है जिससे आपको दुःख हो तब आपको इस बात का अनुभव होगा।
इसलिए, आप अपनी वर्तमान विषम स्थिति से मुक्त करने के लिए एक ज्ञानी की तलाश करें, वह आपको आत्मा का अंतिम उपहार देंगे, जिससे आप अपने दु:खों से मुक्त हो जाएँगे।
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