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प्रेमियों के आत्महत्या करने के परिणाम क्या हैं? प्रेम के लिए आत्महत्या करना क्या उचित है?

दुःखद रूप से, प्रेमी सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक मतभेदों से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं जब वे एक होने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उनके जीवन को एक साथ व्यतीत करने की कोई उम्मीद नहीं होती, वे हताश हो जाते हैं और अपनी जान ले लेते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अपने जीवन-साथी की मृत्यु के बाद, अपना बाकी जीवन अकेले बिताने के डर से आत्महत्या कर लेते हैं।

हालाँकि, आत्महत्या करने के परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। लोग इसे अपने दु:खो से बचने का उपाप मानते हैं लेकिन इसका परिणाम दु:ख ही होगा। 

क्या होता है, जब दो प्रेमी एक ही समय पर आत्महत्या करते हैं?

Suicide Prevention

जब दो प्रेमी साथ में आत्महत्या करने का समझौता करते हैं, वे ऐसा उनके अगले जीवन में फिर से एक होने की उम्मीद से करते हैं। ऐसा संभव नहीं है क्योंकि भविष्य के सभी जन्म उसके अपने कर्म पर आधारित होते हैं। वे इस जीवन में बंधे हुए हैं और उसका असर अगले जन्म में अनुभव में आता है। इस विज्ञान में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

इसलिए, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको अगले जन्म में एक होने की कितनी तीव्र इच्छा है। आपका व्यक्तिगत कर्म ही आपका अगला जन्म निर्धारित करेगा। 

कर्म कैसे बंधता है?

मनुष्य ' मैं कौन हूँ?' और ' कर्ता कौन है?'' प्रश्नों का उत्तर न जान कर कर्म बांधता है। किसी भी क्रिया में कर्तापन कर्म को बांधता है। 'मैं कर्ता हूँ' ऐसा मानना ही कर्म बंधन कहलाता है। 

हम में से हर एक परिस्थितियों के प्रकट होने के दौरान कर्म बांधते है। इस समय के दौरान, हममें से प्रत्येक की अपनी राय होती है और अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है, जो यह निर्धारित करती है कि हम किस प्रकार के कर्म बाँधेंगे । क्योंकि हम सभी के अभिप्राय और व्यू पोइन्ट अलग हैं, हमारे लिए एक ही जगह, एक ही समय में जन्म लेना असंभव है, ताकि हम अगले जन्म में एक-दूसरे को फिर से मिलें। परम पूज्य दादा भगवान, जो एक ज्ञानी थे, उन्होंने इस कर्म के विज्ञान को खुला किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान और 'कर्म क्या है?', 'बंधन क्या है?' और 'मोक्ष क्या है?' जैसे सवालों के जवाब ढूँढने में अनंत जन्म बिताए।

इसलिए, अपने जीवन को शांति और सुमेल से बिताना बेहतर है। सभी समस्याओं को धैर्य के साथ सुलझाने का निर्णय लो, चाहे कितने भी दुःख क्यों न हो। समाधान खोजने का और अपने दु:ख को दूर करने का दृढ़ संकल्प करें। आत्महत्या कभी भी एक विकल्प नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसका परिणाम आपको अगले जन्म में भुगतना पड़ेगा।

प्रेम में आत्महत्या करने के अलावा और क्या उपाय है?

इस बारे में सोचो… यदि आप आत्महत्या करते हैं, तो आप साथ रहने का मौका भी छोड़ दोगे। यह लड़ाई शुरू होने से पहले ही उससे भागने जैसा है। इसके बजाय, इन अन्य समाधानों का प्रयास करे:

  • अपने माता पिता के साथ खुल के बात करो और ईमानदार रहो, उनसे कुछ मत छुपाओ।
  • आपके साथी में क्या गुण है? वह कैसे आपको खुश रखेगे ? यह बातें अपने माता पिता को समझाएं।
  • अपने माता-पिता की बात भी सुनें।
  • धैर्य रखें और शांत रहें।
  • शांत और समझदार बनो, जल्दबाज़ी में निर्णय मत लो।
  • सभी पक्षों के साथ खुल के बात करे।
  • अपने माता-पिता को मनाने की पूरी कोशिश करें। आख़िर में, माता-पिता अपने बच्चों को खुश देखना चाहते हैं। उनकी इच्छा के विरुद्ध मत जाओ। यदि आप अपने माता-पिता को दु:खी करते हैं, तो आप जीवन में कभी खुश कैसे रह सकते हैं?
  • विवादों को अपने, अपने जीवनसाथी और अपने माता-पिता के बीच टकराव आने न दें।
  • यदि आप वास्तव में एक-दूसरे को प्रेम करते हैं, लेकिन आप एक साथ नहीं हो सकते हैं, तो आपको दूसरे व्यक्ति की हित के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। कि वे जहां भी हैं खुश रहें। यही सच्चे प्रेम की निशानी है।
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