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मेरे जीवन के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

यह सारा प्रोजेक्शन आपका ही है। लोगों को क्यों दोष दें?

प्रश्नकर्ता : क्रिया की प्रतिक्रिया है यह?

दादाश्री : उसे प्रतिक्रिया नहीं कहते। लेकिन यह सारा प्रोजेक्शन आपका है। प्रतिक्रिया कहो तब फिर 'एक्शन एन्ड रिएक्शन आर इक्वल एन्ड ऑपॉज़िट' होगा।

यह तो दृष्टांत दे रहे हैं, सिमिलि दे रहे हैं। आपका ही प्रोजेक्शन है यह। अन्य किसी का हाथ नहीं है इसलिए आपको सावधान रहना चाहिए कि यह सारी ज़िम्मेदारी मुझ पर है। ज़िम्मेदारी समझने के बाद घर में बर्ताव कैसा होना चाहिए?

प्रश्नकर्ता : वैसा बर्ताव करना चाहिए।

दादाश्री : हाँ, खुद की ज़िम्मेदारी समझें। वर्ना वह तो कहेगा कि भगवान की भक्ति करोगे तो सब चला जाएगा। पोलम्पोल! लोगों ने भगवान के नाम परपोल(घोटाला, गड़बड़) चलाई। ज़िम्मेदारी खुद की है। होल एन्ड सोल रिस्पोन्सिबल। खुद का ही प्रोजेक्शन है न!

कोई दुःख दे तो जमा कर लेना। जो तूने पहले दिया होगा, वही वापस जमा करना है। क्योंकि बिना वजह कोई किसी को दुःख पहुँचा सके,  यहाँ पर ऐसा कानून ही नहीं है। उसके पीछे कॉज़ होने चाहिए। इसलिए जमा कर लेना।

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