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जीवन में सब कुछ खो देने के डर से कैसे छुटकारा पाऊं ?

जीवन में सब कुछ खो देने का ड़र बेहद दुर्बल कर सकता है । इसमें किसी को खोने का डर, नियंत्रण खोने का डर, नौकरी खोने का डर और पैसे खोने का डर भी शामिल हो सकता है । इससे छुटकारा पाने के लिए एकमात्र कुंची जीवन में इन भौतिकवादी चीजों या गुणों कि अंतनिर्हित अस्थायी स्वभाव को जानना है ।

खुश रहने के लिए मनुष्य जीवनभर चीजों को हासिल करता रहता है वह रिश्तो बनाए रखने में अपना समय खर्च करता है । क्योंकि वह उसे सुरक्षा और अपनेपन की भावना देते हैं । वह अपने केरियर के लिए, उच्च पद प्राप्त करने के लिए, अधिक पैसा कमाने के लिए बहोत प्रयास करता है । अपने काम से मिली प्रसिद्धि और प्रशंसा उसे अपने जीवन में संतुष्टि देकर प्रेरणा की भावना प्रदान करती है । वह अपने शरीर की देखभाल, व्यायाम और स्वस्थ आहार का सेवन करके करता है, ताकि स्वस्थ और लंबा जीवन जी सके ।

किसी व्यक्ति को खुश रहने के लिए कुछ हद तक पैसे, रिश्ते, स्वास्थ्य और केरियर, आदि की आवश्यकता होती है । यदि इनमें से कोई भी चीज स्थायी होती,  तो मनुष्य हमेशा के लिए खुश हो सकता था । पर ये स्थिति नहीं है । नुकशान होने पर वह पैसे जिन्हें हमने महत्व दिया था वह चले जाते है, हमारे करियर का उस दिन अंत हो जाता है जिस दिन हम रिटायर हो जाते हैं; गलतफहमी या अन्य कारणों से हमारे रिश्ते भी हमेशा के लिए नहीं रहते । किसी भी रिश्ते में अनिवार्यरूप से, दोनों में से किसी एक को तो दुनिया छोड़ना ही होगा । हम शरीर की कितनी भी देख भाल करे, लेकिन इस दुनिया में हम हमेशा के लिए नहीं रह सकते हैं । इसी प्रकार सभी भौतिक चीजों की प्रकृति (आंतरिक गुण ) यह है कि वह अनिवार्य रूप से अस्थायी है यह आज है तो कल नहीं है ।

तो, क्या हमारे मूल्यवान समय को, उन चीजों के नुकसान की चिंता करके बर्बाद करना चाहिए जो अस्थायी हैं? जो अस्थायी है उसे खोने का डर क्यों रखे?

यदि हम हीरे की अंगूठी पहनते हैं, तो हमें उस अंगूठी के चोरी होने का ड़र होगा, लेकिन अगर अंगूठी ही नकली होगी तो क्या होगा ? एक बार जब हम अपनी प्रत्येक संपत्ति के मूल्य और महत्वता को समझ लेते है और उनका स्वीकार कर लेते  हैं, तब उन्हें खोने का डर स्वाभाविक रूप से निकल जाता हैं ।

यहाँ समजने की बात यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है, वह सब हासिल किया हुवा हैं; हम उनके साथ पैदा नहीं हुवे थे । इसलिए भले ही हम सब कुछ खो दें पर इसका अनुकूल पहलु यह है कि हम यह सब फिर से प्राप्त कर सकते हैं । इसमें कोई शक नहीं, कि यह एक चुनौती होगी, लेकिन असंभव नहीं है । जरुरत हैं, कुछ समय और धैर्य की ।

अपने पास होते हुए अगर हमारे पास मौजूद संपत्ति होने के डर से, तो हम पूरी तरह से उस सम्पति का आनंद नहीं ले पाएंगे । तो संपत्ति वैसे भी बेकार चली जायेगी !

इस दुनिया में हर चीज जो उत्पन्न की गई वह एक निश्चित समय तक के लिए रहेती है । जितने भी समय यह हमारे पास रहे, अच्छा यह होगा की हम उसका ज्यादातर उपयोग करे और आनंद ले ।

यहां उन लोगों के वास्तविक जीवन के उदाहरण हैं, जिन्होंने अपनी किस्मत ही खो दी, लेकिन महानता के उच्च शिखर को प्राप्त करने में सक्षम हुवे । क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि वे कौन हैं ?

  • उन्होंने ९० के दशक की शुरुआत में ९०० मिलियन डॉलर का नुकसान किया था । फिर भी उन्होंने नये व्यवसायों का निर्माण और हजारों को रोजगार देना जारी रखा और पहले से अधिक शक्तिशाली बनकर वापस आने में सक्षम हुए । आज वे अरबपति है ? क्या आपने डोनाल्ड ट्रम्प का अनुमान लगाया ?
  • उन्हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया था, जो उन्होंने खुद बनाया था । इसलिए उन्होंने कंपनी के शेयरों की बिक्री की, जिनकी कीमत लाखो में थी । जिसके कारण स्टॉक का मूल्य रातो रात गिर गया । बोर्ड ने उन्हें एक प्रोजेक्ट खत्म करने के लिए वापस आने को कहा, और उन्हें अंतरिम CEO बना दिया । एक बार जब उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया, तो सबसे पहले उन्होंने बोर्ड के वोटिंग से उस व्यक्ति को निकलवा बहार किया, जिसने उन्हें बाहर किया था । भले उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कभी कोई पैसा नहीं खोया, लेकिन जिस अवधि के लिए उन्हें बाहर कर दिया गया था, उतने समय के लिए उन्होंने सत्ता और शक्ति खो दि । वह कौन थे? आपने सही अनुमान लगाया । वह स्टीव जोब्स थे ।
  • वह अमेरिका की पहली महिला स्वनिर्मित अरबपति थीं । इनसाइड ट्रेडिंग के लिए उन पर जुर्माना लगाया गया था और पांच महीनो के लिए जेल भेज दिया गया था । पांच साल के लिए अपनी ही कंपनी से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया था । अपनी रिहाई के बाद उन्होंने एक अत्यधिक प्रचारित वापसी की । वह अब पहले से ज्यादा जानी-पहचानी है । यह है,  मार्था स्टीवर्ट ।
  • उनका नाम अब लगभग 130 बिलियन डॉलर का ब्राण्ड है । उनकी पहली कंपनी दिवालिया निकल गया और उनकी दूसरी कंपनी 'स्नो व्हाइट एण्ड द सेवेन द्वार्वेस’ के निर्माण के दौरान लगभग डूब गई  । हालांकि लिय गए उधार ने उन्हें बचा लिया, जिससे वह अपने कर्मचारियों और स्टूडियो को फिल्म पूरी होने तक भुगतान दे पाए । यह फिल्म एक महत्वपूर्ण और व्यावसायिक तरह से सफल हुई थी । वह कौन थे ? सही कहा, वॉल्ट डिज्नी ।

ये चार उन लोगों के उदाहरण हैं जो अपने खिलाफ भारी बाधाएँ आने के बावजूद अपनी प्रतिकूलता को दूर करने में सक्षम थे । तो, अगली बार जब आप अपने धन, शक्ति या सामाजिक स्थिति सहित सब कुछ खोने का डर महसूस करते हैं; बस इन सफलताओं के बारे में सोचें और खुद से पूछें, “अगर वे कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?”

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