अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें05 जून |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता : मनुष्य कर्ज छोड़कर मर जाये तो क्या होगा?
दादाश्री : चाहे कर्ज अदा किये बिना मर जाये, पर उसके मन में आखिर तक-मरते दम तक, एक बात तय होनी चाहिए कि मुझे यह पैसे लौटाने ही है। इस अवतार में संभव न हो तब अगले अवतार में भी मुझे अवश्य लौटाने है। जिसका ऐसा भाव है, उसे कोई कष्ट नहीं होगा।
नियम ऐसा है कि पैसे लेते समय ही वह तय कर ले कि इसके पैसे मुझे लौटाने है। फिर उसके बाद हर चौथे दिन उसे याद करके 'यह पैसे जल्दी से जल्दी लौटा दँू' ऐसी भावना करे। ऐसी भावना होने पर रुपये लौटा सके, वरना राम तेरी माया।
हमने किसी से रुपये उधार लिए हों और हमारा भाव शुद्ध रहे तब समझना कि ये पैसे हम लौटा पायेंगे। फिर उसके लिए चिंता मत करना। भाव शुद्ध रहता है कि नहीं, उतना ही ध्यान रहे, यह उसका लेवल (नाप) है। सामनेवाला भाव शुद्ध रखता है या नहीं, उस पर से हम जान जायें। उसका भाव शुद्ध नहीं रहता हो तो वहीं से हमें समझ लेना चाहिए कि ये पैसे जानेवाले हैं।
भाव शुद्ध होना ही चाहिए। भाव याने, अपने नीतिमत्ता से आप क्या करे? तब कहें कि, 'यदि उतने रुपये होते तो सारे आज ही लौटा देता!' इसका नाम शुद्ध भाव। भाव में तो यही होगा कि जल्दी से जल्दी कैसे लौटा दूँ।
Q. व्यवसाय में प्रामाणिकता कैसे रखें?
A. इसलिए हम परम हित की बात बताते हैं, ट्रिकें इस्तेमाल करना बंद करें। चोखा व्यापार करें। ग्राहकों से साफ कह दें कि इसमें मेरे पंद्रह प्रतिशत मुनाफा जुड़ा है,...Read More
Q. मुझे मेरे व्यवसाय का विस्तार करना चाहिए?
A. प्रश्नकर्ता: अब धंधा कितना बढ़ाना चाहिए? दादाश्री: धंधा उतना बढ़ायें कि चैन से नींद आये, जब हम हटाना चाहें तब हटा सकें, ऐसा होना चाहिए। धंधा बढ़ा-बढ़ा कर...Read More
Q. क्या मुझे पैसे उधार देने चाहिए?
A. प्रश्नकर्ता: किसी मनुष्य को हमने पैसे दिये हो और वह नहीं लौटाता हो तो उस समय हमें वापस लेने का प्रयत्न करना चाहिए या फिर कर्ज अदा हो गया मानकर संतोष लेकर...Read More
Q. व्यापार में ट्रिक्स-क्या मुझे ऐसा करना चाहिए?
A. लक्ष्मी जी की कमी क्यों है? लक्ष्मी की कमी क्यों है? चारियों से। जहाँ मन-वचन-काया से चोरी नहीं होगी, वहाँ लक्ष्मीजी की मेहर होगी। लक्ष्मी का अंतराय चोरी...Read More
Q. नुकसान के वक्त कैसे बर्तना चाहिए?
A. प्रश्नकर्ता : धंधे में भारी घाटा हुआ है तो क्या करुँ? धंधा बंद कर दूँ कि दूसरा धंधा करुँ? कज़र् बहुत चढ़ गया है। दादाश्री : रुई बाजार का घाटा कुछ बनिये की...Read More
Q. मंदी से कैसे निपटे? पैसों का स्वभाव कैसा है?
A. प्रश्नकर्ता : जीवन में आर्थिक परिस्थिति कमज़ोर हो तब क्या करना? दादाश्री : एक साल बारिश नहीं होने पर किसान क्या कहते हैं कि हमारी आर्थिक स्थिति खतम हो गई।...Read More
Q. ग़ैरकानूनी पैसे का क्या असर होता है?
A. मुंबई में एक उच्च संस्कारी परिवार की बहन से मैंने पूछा, 'घर में क्लेश तो नहीं होता न?' तब वह बहन कहती है, 'रोजाना सवेरे क्लेश के नाश्ते होते हैं!' मैंने...Read More
Q. व्यावसायिक नैतिकता क्या है?
A. प्रश्नकर्ता : आत्मा की प्रगति के लिए क्या करते रहना चाहिए? दादाश्री : उसे प्रामाणिकता की निष्ठा पर चलना चाहिए। वह निष्ठा ऐसी कि बहुत तंगी में आ जाये तब...Read More
A. जो चीज़ प्रिय हो गई हो उसी में मूर्र्छित रहना, उसका नाम लोभ। वह चीज़ प्राप्त होने पर भी संतोष नहीं होता। लोभी तो, सुबह जागा तब से रात आँख मुँदने तक, लोभ में...Read More
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