अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता : जो भारी पीड़ा सहता हो उसे पीड़ा सहने दें, और यदि उसे मार डालें तो फिर उसका अगले जन्म में पीड़ा सहना शेष रहेगा, यह बात ठीक नहीं लगती। वह भारी पीड़ा सहता हो तो उसका अंत लाना ही चाहिए, उसमें क्या गलत है?
दादाश्री : ऐसा किसी को अधिकार ही नहीं है। हमें इलाज करवाने का अधिकार है, सेवा करने का अधिकार है, परन्तु किसी को मारने का अधिकार ही नहीं है।
प्रश्नकर्ता : तो उसमें हमारा क्या भला हुआ?
दादाश्री : तो मारने से क्या भला हुआ? आप उस पीड़ाग्रस्त को मार डालो तो आपका मनुष्यत्व चला जाता है और वह तरीका मानवता के सिद्धांत के बाहर है, मानवता के विरुद्ध है।
Q. अंतिम समय में अपने स्वजन की सेवा कैसे करनी चाहिए?
A. प्रश्नकर्ता : किसी स्वजन का अंतकाल नज़दीक आया हो तो उसके प्रति आस-पास के सगे-संबंधियों का बरताव कैसा होना चाहिए? दादाश्री : जिनका अंतकाल नज़दीक आया हो,...Read More
Q. क्या धार्मिक क्रियाएँ मरनेवाले व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है?
A. प्रश्नकर्ता :अंतिम घंटों में अमुक लामाओं को कुछ क्रियाएँ करवाते हैं। जब मृत्यु-शय्या पर मनुष्य होता है, तब तिब्बती लामाओं में, ऐसा कहा जाता है कि वे लोग...Read More
A. प्रश्नकर्ता : ये श्राद्ध में तो पितृओं को जो आहवान होता है, वह ठीक है? उस समय श्राद्ध पक्ष में पितृ आते हैं? और कौए को भोजन खिलाते हैं, वह क्या...Read More
Q. मेरे बेटे की आकस्मिक मृत्यु का क्या कारण है?
A. प्रश्नकर्ता : मेरे बेटे का दुर्घटना में निधन हुआ है, तो उस दुर्घटना का कारण क्या होगा? दादाश्री : इस संसार में जो सब आँखों से दिखाई देता है, कान से सुनने...Read More
Q. क्या हमारे भीतर के स्पंदन मृतक तक पहुँच सकते हैं?
A. बच्चे मर गए फिर, उनके पीछे उनकी चिंता करने से उन्हें दुःख होता है। अपने लोग अज्ञानता के कारण ऐसा सब करते हैं। इसलिए आपको जैसा है वैसा समझकर, शांतिपूर्वक...Read More
Q. आत्महत्या का परिणाम क्या है?
A. प्रश्नकर्ता : कोई मनुष्य यदि आत्महत्या करे तो उसकी क्या गति होती है ? भूत-प्रेत बनता है? दादाश्री : आत्महत्या करने से तो प्रेत बनता है और प्रेत बनकर भटकना...Read More
A. मनुष्यदेह में आने के बाद अन्य गतियों में जैसे कि देव, तिर्यंच अथवा नर्क में जाकर आने के बाद फिर से मनुष्य देह प्राप्त होता है। और भटकन का अंत भी मनुष्य देह...Read More
A. इसलिए मृत्यु से कहें कि ''तुझे जल्दी आना हो तो जल्दी आ, देर से आना हो तो देर से आ, मगर 'समाधि मरण' बनकर आना!'' समाधि मरण अर्थात् आत्मा के सिवाय और कुछ याद...Read More
A. जिसका अंतिम समय आ गया हो, उसे इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए। 'हे दादा भगवान, हे श्री सीमंधर स्वामी प्रभु, मैं मन-वचन-काया ...* (जिसका अंतिम समय आ गया हो...Read More
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