प्रश्नकर्ता : अभी जो माँ-बाप की सेवा नहीं करते हैं, उसका क्या? तो कौन-सी गति होती है?
दादाश्री : माँ-बाप की सेवा नहीं करें वे इस जन्म में सुखी नहीं होते हैं। माँ-बाप की सेवा करने का प्रत्यक्ष उदाहरण क्या? तब कहें कि सारी ज़िन्दगी पर्यंत दुःख नहीं आता। अड़चनें भी नहीं आतीं, माँ-बाप की सेवा से।
हमारे हिन्दुस्तान का विज्ञान तो बहुत सुंदर था। इसलिए तो शास्त्रकारों ने प्रबंध किया था कि माँ-बाप की सेवा करना। जिससे कि आपको ज़िन्दगी में कभी धन का दुःख नहीं पड़ेगा। अब वह न्यायसंगत होगा कि नहीं यह बात अलग है, मगर माँ-बाप की सेवा अवश्य करने योग्य है। क्योंकि यदि आप सेवा नहीं करोगे, तो आप किस की सेवा पाओगे? आपकी आनेवाली पीढ़ी कैसे सीखेगी कि आप सेवा करने लायक हो? बच्चे सब देखा करते हैं। वे देखेंगे कि हमारे फादर ने कभी उनके बाप की सेवा नहीं की है! फिर संस्कार तो नहीं ही पड़ेंगे न?
प्रश्नकर्ता : मेरा तात्पर्य यह था कि पुत्र का पिता के प्रति फर्ज क्या है?
दादाश्री : पुत्रों को पिता के प्रति फर्ज अदा करना चाहिए और पुत्र यदि फर्ज अदा करें, तो उन्हें फायदा क्या मिलेगा? माँ-बाप की जो पुत्र सेवा करेंगे, उन्हें कभी भी पैसों की कमी नहीं रहेगी, उनकी सारी ज़रूरतें पूरी होगी और गुरु की सेवा करे, वह मोक्ष पाता है। पर आज के लोग माँ-बाप या गुरु की सेवा ही नहीं करते न? वे सभी लोग दुखी होनेवाले हैं।
महान उपकारी, माँ-बाप
जो मनुष्य माँ-बाप का दोष देखे, उनमें कभी बरकत ही नहीं आती। पैसेवाला बने शायद, पर उसकी आध्यात्मिक उन्नति कभी नहीं होती। माँ-बाप का दोष देखने नहीं चाहिए। उपकार तो भूलें ही किस तरह? किसी ने चाय पिलाई हो, तो उसका उपकार नहीं भूलते तो हम माँ-बाप का उपकार भूलें ही किस तरह? तू समझ गया? हं... अर्थात् बहुत उपकार मानना चाहिए। बहुत सेवा करना, मदर-फादर की बहुत सेवा करनी चाहिए।
इस दुनिया में तीन का महान उपकार है। उस उपकार को छोड़ना ही नहीं है। फादर-मदर और गुरु का! हमें जो रास्ते पर लाए हों उनका, इन तीनों का उपकार भुलाया जाए ऐसा नहीं है।
Book Name: सेवा परोपकार (Page # 37 Paragraph #1 to #6)
A. प्रश्नकर्ता : जीवन सात्विक और सरल बनाने के क्या उपाय हैं? दादाश्री : तेरे पास जितना हो उतना... Read More
A. इसका मुख्य साइन्स क्या है कि मन-वचन-काया परोपकार में लगा दें, तो आपके यहाँ हर एक चीज़ होगी। परोपकार... Read More
Q. दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए?
A. यह लाइफ यदि परोपकार के लिए जाएगी तो आपको कोई भी कमी नहीं रहेगी। किसी तरह की आपको अड़चन नहीं आएगी।... Read More
A. प्रश्नकर्ता : लोकसेवा करते-करते उसमें भगवान के दर्शन करके सेवा की हो तो वह यथार्थ फल देगी... Read More
Q. अच्छे हो या बुरे, सभी लोगों की मदद करें
A. प्रश्नकर्ता : दिल को ठंडक पहुँचाने जाएँ तो आज जेब कट जाती है। दादाश्री : जेब भले ही कट जाए। वह... Read More
Q. दूसरों की मदद करने का प्रबल भाव रखें।
A. ये कोई पेड़ अपने फल खुद खाता है? नहीं! इसलिए ये पेड़ मनुष्य को उपदेश देते हैं कि आप अपने फल दूसरों... Read More
Q. माता-पिता की सेवा या भगवान की सेवा?
A. माँ-बाप की सेवा करना वह धर्म है। वह तो चाहे कैसे भी हिसाब हो, पर यह सेवा करना हमारा धर्म है और... Read More
Q. क्या मानवता मुक्ति की ओर ले जाती है?
A. प्रश्नकर्ता : मोक्षमार्ग, समाजसेवा के मार्ग से बढ़कर कैसे है? यह ज़रा समझाइए। दादाश्री : समाज सेवक... Read More
Q. खुद की सेवा का क्या मतलब है?
A. प्रश्नकर्ता : पर खुद की सेवा करने का सूझना चाहिए न? दादाश्री : वह सूझना आसान नहीं है। प्रश्नकर्ता... Read More
subscribe your email for our latest news and events