इसका मुख्य साइन्स क्या है कि मन-वचन-काया परोपकार में लगा दें, तो आपके यहाँ हर एक चीज़ होगी। परोपकार के लिए करो, और यदि फीस लेकर करो तो?
प्रश्नकर्ता : तकली़फ पैदा होगी।
दादाश्री : यह कोर्ट में फीस लेते हैं। सौ रुपये पड़ेंगे, डेढ़ सौ रुपये देने पड़ेंगे। तब कहेंगे, 'साहिब, डेढ़ सौ ले लो।' पर परोपकार का कानून तो नहीं लगता न!
प्रश्नकर्ता : पेट में आग लगी हो तो ऐसा कहना ही पड़ता है न?
दादाश्री : ऐसा विचार करना ही मत। किसी भी तरह का परोपकार करोगे न तो आपको कोई अड़चन नहीं आएगी, अब लोगों को क्या होता है? अब अधूरा समझकर करने जाते हैं, इसलिए उलटा 'इफेक्ट' आता है। इसलिए फिर मन में श्रद्धा नहीं बैठती और उठ जाती है। आज करना शुरू करें, तब दो-तीन अवतार में ठिकाने लगे वह। यही 'साइन्स' है।
Book Name: सेवा-परोपकार (Page # 2 Paragraph #3 to #7)
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