व्यवहार चरित्र यानी किसी भी स्त्री को दुःख न हो इस तरह व्यवहार करना, किसी स्त्री की ओर दृष्टि न बिगड़े।
परम पूज्य दादा भगवानसंसार की सभी चीज़ें अधोगामी हैं। सिर्फ वीर्य ही, यदि निश्चय किया जाए तो ऊध्र्वगामी हो सकता है!
परम पूज्य दादा भगवानअहिंसा तो बहुत बड़ी चीज़ है। अहिंसा में अब्रह्मचर्य नहीं होता। अहिंसा में परिग्रह नहीं होता। अहिंसा में असत्य नहीं होता। अहिंसा में चोरी भी नहीं होती।
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