हिंसक भाव अर्थात् ज़रा सा भी, किंचित्मात्र भी हिंसा करना या किसी को नुकसान पहुँचाना, किसी पर गुस्सा होना, दु:ख देना, पीड़ा देना। पहले ऐसे भाव खत्म हो जाने चाहिए।
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