आजकल घर में ज़्यादातर झगड़े शंका की वजह से होते हैं। शंका से स्पंदन उठते हैं और उन स्पंदनों से विस्फोट होते हैं। नि:शंक होने पर लपटें अपने आप ही शांत हो जाएँगी। दोनों ही यदि शंकाशील हो जाएँ तो विस्फोट कैसे रुकेंगे? किसी एक को तो नि:शंक होना ही होगा!
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