जगत् में सभी कुछ अनिवार्य है। मरना भी अनिवार्य है, जन्म लेना भी अनिवार्य है। इसलिए यह खोज निकालो कि, ‘इच्छापूर्वक’ क्या-क्या है?
परम पूज्य दादा भगवानअर्थी यानी कि कुदरत द्वारा ज़ब्ती। सारी कमाई यहीं पर छोड़ जाना है और उलझनें साथ में ले जाना हैं!
परम पूज्य दादा भगवानआयु का काल नहीं बदला जा सकता लेकिन गति बदली जा सकती है। टिकिट बदला जा सकता है लेकिन मृत्यु का समय नहीं। मरते समय तो ‘या मति सा गति’।
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