लोगों को संतोष होता है लेकिन तृप्ति नहीं होती। संतोष क्यों होता है? उसने इच्छा की थी कि आम का रस और रोटी खाने को मिले तो ठीक रहेगा। अत: रस मिलने पर संतोष होता है लेकिन तृप्ति नहीं होती। तृप्ति तो ज्ञानी को रहती है।
परम पूज्य दादा भगवानsubscribe your email for our latest news and events