
‘सिन्सियर’ रहने से संसार में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता और (यह गुण) मोक्ष में ले जाता है!
परम पूज्य दादा भगवानसब से बड़ी कमज़ोरी कौन सी है? ‘इगोइज़म’। चाहे कितने भी गुणवान हो, किन्तु ‘इगोइज़म’ हो तो ‘यूज़लेस’ (व्यर्थ)। गुणवान तो अगर नम्रतावाला हो तभी काम का है।
परम पूज्य दादा भगवानहमें जो अच्छा लगे, उसके सभी गुण हमारे में उत्पन्न हो जाते हैं। ज़ेबकतरा अच्छा लगे तो उसके भी गुण उत्पन्न हो जाते हैं।
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