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मृत्यु क्यों होती है?

प्रश्नकर्ता : तो मृत्यु किस लिए आती है?

दादाश्री : वह तो ऐसा है, जब जन्म होता है, तब ये मन-वचन-काया की तीन बेटरियाँ हैं, जो गर्भ में से इफेक्ट (परिणाम) देती जाती हैं। वे इफेक्ट पूर्ण होते हैं, तब 'बेटरियों' से हिसाब पूरा हो जाता है। तब तक वे बेटरियाँ रहती हैं और फिर खतम हो जाती हैं, उसे मृत्यु कहते हैं। पर तब फिर अगले जन्म के लिए भीतर नयी बेटरियाँ चार्ज हो गई होती हैं। अगले जन्म के लिए भीतर नयी बेटरियाँ चार्ज होती ही रहती है और पुरानी 'बेटरियाँ' 'डिस्चार्ज' होती है। ऐसे 'चार्ज-डिस्चार्ज' होता ही रहता है। क्योंकि उसे 'रोंग बिली़फ' है। इसलिए 'कॉज़ेज़' उत्पन्न होते हैं। जब तक 'रोंग बिली़फ' हैं, तब तक राग-द्वेष और कॉज़ेज़ उत्पन्न होते हैं। और वह 'रोंग बिली़फ' बदले और 'राइट बिली़फ बैठे, तब फिर राग-द्वेष और 'कॉज़ेज़' उत्पन्न होते नहीं।

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