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ज्ञानीपुरुष की सेवा में जीवन

विनम्र शुरूआत - ज्ञानीपुरुष की सेवा में जीवन

जहाँ-जहाँ परम पूज्य दादाश्री जाते थे, पूज्य नीरु माँ सदा उनके साथ ही रहती थीं। वे उनके भोजन और निजी ज़रूरतों का पूरा ध्यान रखती थीं। और साथ ही साथ सत्संग की व्यवस्था भी करती थीं। उनका सेवा और समर्पण भाव इतना अधिक था कि परम पूज्य दादाश्री के माँगने से पहले ही, उनकी ज़रूरत की चीज़ें हाज़िर कर देती थीं। वे समर्पित सेवा का एक अदभूत उदाहरण थीं। उनका सिर्फ एक ही ध्येय था, दादाजी की इस जगत कल्याण की भावना में मदद करना कि अक्रमविज्ञान द्वारा दुनिया के लोग मोक्ष की प्राप्ति करें।

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उन्होंने ज्ञानीपुरुष की अमूल्य वाणी की कीमत समझी। और इसीलिए उन्होंने दादाश्री के सभी सत्संग रिकॉर्ड किए। इन रिकॉर्ड किए हुए सत्संगों को संपादित करके शुद्ध ज्ञान से भरपूर ज्ञानीपुरुष की वाणी को पुस्तकों के रूप में छपवाया। इस प्रकार उन्होंने दुनिया को ज्ञानीपुरुष की अपूर्व शुद्ध वाणी की भेंट दी।

पूज्य नीरु माँ जीवन ज्ञानीपुरुष की सेवा में

इस वीडियो में पूज्य नीरु माँ के सेवामय जीवन को प्रस्तुत किया गया है। दादाश्री की हरेक सेवा में नीरुबहन हमेशा उपस्थित ही रहती थीं। नीरुबहन लगातार २० साल तक दादाश्री के साथ उनकी सेवा में रहीं। इस बारे में और जानने के लिए वीडियो देखें।

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