अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें21 मार्च |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
प्रश्नकर्ता: दादा, व्यवहार में व्यू पॉइन्ट के टकराव में, बड़ा छोटे की भूल निकाले, छोटा अपने से छोटे की भूल निकाले, ऐसा क्यों?
दादाश्री: वह तो ऐसा है कि बड़ा छोटे को खा जाता है, बड़ा छोटे की भूल निकालता है, उसके बजाय आप कहो कि मेरी ही भूल है। भूल को स्वीकार कर लो, तब उसका हल निकलता है। 'हम' क्या करते हैं कि दूसरा यदि सहन न कर सके तो 'हम' अपने ऊपर ही ले लेते हैं, दूसरे की गलतियाँ नहीं निकालते। दूसरों को क्यों दोष दें? अपने पास सागर जैसा पेट है! देखो न, बम्बई की सभी गटरों का पानी सागर खुद में समा लेता है न? वैसी ही आप भी पी लो। इससे क्या होगा कि, इन बच्चों पर और सभी लोगों पर प्रभाव पडे़गा। वे भी सीखेंगे। बच्चे भी समझ जाते हैं कि इनका पेट सागर जैसा है! जितना आए, उतना जमा कर लो। व्यवहार में ऐसा नियम है कि अपमान करनेवाला अपनी शक्ति हमें देकर जाता है। इसलिए अपमान ले लो, हँसते हँसते!
Q. हम क्लेश मुक्त जीवन कैसे जी सकते हैं?
A. दादाश्री : हाँ, तो उतना हमें सुधार लेना है! मेरा क्या कहना है कि, किसलिए हम बिगाडें? किसी भी प्रसंग को बिगाड़ना हमें शोभा नहीं देता। ये सारे ट्रैफिक के लॉज़...Read More
A. इस दुनिया में जो कोई भी टकराव होता है, वह आपकी ही भूल है, सामनेवाले की भूल नहीं है! सामनेवाले तो टकरानेवाले हैं ही। 'आप क्यों टकराए?' तब कहें, 'सामनेवाला...Read More
Q. क्या अहंकार का टकराव कैसे दूर हो सकता है?
A. प्रश्नकर्ता : दादाजी, यह अहंकार की बात घर में भी कई बार लागू होती है, संस्था में लागू होती है, दादाजी का काम कर रहे हों, उसमें भी कहीं अहंकार का टकराव हो,...Read More
Q. टकराव टालो- क्या इसका मतलब सहन करना है?
A. प्रश्नकर्ता : दादा, आपने जो टकराव टालने को कहा, इसका अर्थ 'सहन करना' ऐसा होता है न? दादाश्री : टकराव टालना यानी सहन करना नहीं है। सहन करोगे तो कितना...Read More
Q. क्या आकर्षण विकर्षण ही टकराव का कारण है?
A. प्रश्नकर्ता : लेकिन कई बार हमें द्वेष नहीं करना हो, फिर भी द्वेष हो जाता है, उसका क्या कारण है? दादाश्री : किसके साथ? प्रश्नकर्ता : पति के साथ ऐसा हो...Read More
Q. टकराव के क्या परिणाम आते हैं?
A. सारी आत्मशक्ति यदि खत्म होती हो, तो वह घर्षण से। ज़रा भी टकराए तो खत्म। सामनेवाला टकराए, तब हमें संयमपूर्वक रहना चाहिए। टकराव तो होना ही नहीं चाहिए। फिर...Read More
Q. टकराव टालने का दृढ़ निश्चय करें और सुख-शांति से जीएँ
A. 'टकराव टालो' यह एक ही सूत्र यदि जीवन में सीधा उतर गया, उसका संसार तो सुंदर हो ही जाएगा, साथ ही मोक्ष भी सीधे सामने चलकर आएगा। यह निर्विवाद वाक्य है! अक्रम...Read More
Q. किसीके साथ टकराव होना हमारे पिछले जन्म का कर्म है?
A. प्रश्नकर्ता : लेकिन दादाजी, टकराव नहीं हो ऐसा भाव तो निरंतर रहना चाहिए न? दादाश्री : हाँ, रहना चाहिए। यही करना है न! उसका प्रतिक्रमण करना है और उसके प्रति...Read More
Q. प्रतिक्रमण ही टकराव टालने की एक मात्र दवाई है?
A. प्रश्नकर्ता : तब उस टकराव को टालने का उपाय केवल प्रतिक्रमण ही है या कुछ और भी है? दादाश्री : दूसरा कोई हथियार है ही नहीं। ये हमारी नौ कलमें, वे भी...Read More
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